भारत के लौह पुरूष सरदार बल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती, सीएम ने ‘रन फॉर यूनिटी’ को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना

  • रियासतों के एकीकरण में सरदार वल्लभभाई पटेल का अह्म योगदान : मुख्यमंत्री
  • ऐतिहासिक दिन जब एक ओर राष्ट्र भारत रत्न सरदार पटेल की 143वीं जयंती मना रहा है, जिन्होंने राष्ट्र के एकीकरण के लिए कार्य किया और दूसरी ओर पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न इंदिरा गांधी की पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है : पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह

शिमला: भारत के लौह पुरूष सरदार बल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती मनाने के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज रिज मैदान शिमला में संबोधित करते हुए कहा कि रियासतों के एकीकरण में सरदार वल्लभभाई पटेल का बड़ा योगदान था और यह उनकी दूरदृष्टि और दूरदर्शी नेतृत्व के कारण ही भारत संप्रभु राष्ट्र बना।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के पहले गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री के रूप में सरदार पटेल ने भारतीय संघ में 562 से अधिक रियासतों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 562 रियासतों को भारतीय गणराज्य में विलय के लिए राजी किया।

रियासतों के एकीकरण में सरदार वल्लभभाई पटेल का अह्म योगदान : मुख्यमंत्री

रियासतों के एकीकरण में सरदार वल्लभभाई पटेल का अह्म योगदान : मुख्यमंत्री

जय राम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 1946 के चुनावों में 15 में से 12 कांग्रेस समितियों ने सरदार वल्लभभाई पटेल को नामांकित किया था। उन्होंने कहा कि गांधी जी के आग्रह पर सरदार पटेल ने नेहरू के पक्ष में यह पद त्याग दिया था, जो उनकी महानता तथा गांधी जी के प्रति सम्मान को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह सरदार पटेल की मजबूत इच्छा शक्ति और प्रशासनिक सूझबूझ ही थी कि भारत की रियासतें एक झण्डे के नीचे आने पर सहमत हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता है कि इस तरह के एक महान व्यक्तित्व के सम्मान में आज उन्होंने गुजरात के नर्मदा जिले के केवरिया गांव में सरदार सरोवर बांध के समीप सरदार पटेल की दुनियां की सबसे ऊचें 182 मीटर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि यह मूर्ति न केवल भारत रत्न सरदार पटेल को एक सच्ची श्रद्धांजलि है, बल्कि यह मूर्ति देश के एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में उभरेगी।

जय राम ठाकुर ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि वह इस ऐतिहासिक स्मारक से जुड़े हैं, जिसके लिए उन्होंने हिमाचल प्रदेश की तत्कालीन सभी 3243 पंचायतों से मूर्ति के निर्माण के लिए लोहा एकत्र किया था।

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि आज यह एक ऐतिहासिक दिन है जब एक ओर राष्ट्र भारत रत्न सरदार पटेल की 143वीं जयंती मना रहा है, जिन्होंने राष्ट्र के एकीकरण के लिए कार्य किया और दूसरी ओर पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न इंदिरा गांधी की पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है, जिन्होंने राष्ट्र की अखण्डता के लिए अपने प्राणों की आहूति दी थी।

इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने अम्बेदकर चौक चौड़ा मैदान शिमला से ‘रन फॉर यूनिटी’ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा आयोजित अंतर स्कूल वाद-विवाद तथा निबन्ध प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान  किए।

 

 

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