‘सब्जियों को नवीन विधियों द्वारा विकसित करने’ के लिए नौणी विवि ने लगाया प्रशिक्षण शिविर

  • नौणी में उत्तम गुणवत्ता वाली सब्जियों को विकसित करने पर साझा किया ज्ञान
  • प्रशिक्षण शिविर में देश के विभिन्न राज्यों के वैज्ञानिकों ने लिया भाग

सोलन : डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के सब्जी विज्ञान विभाग द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के सौजन्य से 21 दिवसीय ‘सब्जियों को नवीन विधियों द्वारा विकसित करने’ हेतु प्रशिक्षण शिविर को 5 से 25 सितम्बर के बीच आयोजित किया गया।

इस शिविर में देश के विभिन्न राज्यों के वैज्ञानिकों ने भाग लिया। यह वैज्ञानिक बिहार, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तरप्रदेश, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र, पंजाब तथा हिमाचल प्रदेश में स्थित कृषि विश्वविद्यालयों व अनुसंधान केंद्रों से आए थे।

  • डॉ. शर्मा का वैज्ञानिकों से अनुरोध, सब्जी उत्पादन की नवीन तकनीकियों का हस्तांतरण किसानों के खेतों में करके आर्थिक स्थिति सुधारने में दें योगदान

इस शिविर के समापन समारोह के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ. एच.सी. शर्मा ने सभी वैज्ञानिकों को क्षेत्र विशेष के वातावरण व भूसंसाधन परिस्थितियों के अनुकूल सब्जियों की उन्नत किस्मों को विकसित करने का आवाहन किया। डॉ. शर्मा ने वैज्ञानिकों से अनुरोध किया कि सब्जी उत्पादन की नवीन तकनीकियों का हस्तांतरण किसानों के खेतों में करके उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने में योगदान दें।

सब्जी विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अश्वनी कुमार शर्मा ने इस प्रशिक्षण के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 1994 से अब तक इसी तरह के 28 उच्च स्तरीय शिविर आयोजित किए जा चुके हैं। जैविक खेती, पोलीहाउस में सब्जी उत्पादन, सब्जियों की उत्तम गुणवत्ता वाली किस्में विकसित करना, मौन पालन का सब्जी बीज उत्पादन में योगदान, बौधिक सम्पदा अधिकार व सब्जियों की बीमारियों व कीटों का एकीकृत प्रबंधन इत्यादि विषयों पर आधारित इन शिविर से 500 से अधिक वैज्ञानिक लाभ ले चुके हैं।

उन्होंने बताया कि प्रशिक्षुओं को न केवल भाषण व्याख्यानों से नई तकनीकों द्वारा अवगत् करवाया गया बल्कि प्रयोगशाला एवं अनुसंधान क्षेत्रों में भी प्रजनन की आधुनिक तकनीकों द्वारा सब्जियों की उन्नत किस्मों व तकनीकों के विकास हेतु व्यवहारिक प्रशिक्षण भी दिए गए। विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. योगराज शुक्ला ने भाग ले रहे सभी वैज्ञानिकों का धन्यवाद किया।

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