निपाह वायरस से न घबराएं लोग : बी.के. अग्रवाल

“निपाह वायरस”…..

केरल में इन दिनों एक वायरस मौत का ख़तरा पैदा कर रहा है इसका नाम है “निपाह” ।

  • निपाह वायरस क्या है?

यह तेज़ी से उभरता वायरस है, जो जानवरों और इंसानों में गंभीर बीमारी को जन्म देता है। वायरस को पुराने चमगादड़ ले जाते हैं, जिन्हें फ्रूट बैट भी कहा जाता है। 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह से पता चला था। वहीं से इस वायरस को ये नाम मिला। उस वक़्त इस बीमारी के वाहक सूअर बनते थे। लेकिन इसके बाद जहां-जहां निपाह के बारे में पता चला, इस वायरस को लाने-ले जाने वाले कोई माध्यम नहीं थे। साल 2004 में बांग्लादेश में कुछ लोग इस वायरस की चपेट में आए। सेंटर फ़ॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक निपाह वायरस का इंफ़ेक्शन एंसेफ़्लाइटिस से जुड़ा है, जिसमें दिमाग़ को नुक़सान होता है।

बीमारी के लक्षण क्या?

  • 5 से 14 दिन तक इसकी चपेट में आने के बाद ये वायरस तीन से 14 दिन तक तेज़ बुख़ार और सिरदर्द की वजह बन सकता है।
  • 24-48 घंटों में मरीज़ कोमा में पहुंच सकता है।
  • इंफ़ेक्शन के शुरुआती दौर में सांस लेने में समस्या होती है जबकि आधे मरीज़ों में न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें भी होती हैं।
  • दिमाग में सूजन होने लगता है।
  • तेज़ बुखार और सिरदर्द होता है।
  • मांसपेशियों में दर्द होता है।

बचाव

  • फल न खाएं।
  • उस व्यक्ति के नजदीक न जाएं जो इस वायरस से पीड़ित हो।
  • इस वायरस की वजह से जिनकी मौत हुई हो, उनके शव से भी दूर रहें।
  • अगर आपको तेज बुखार हो तो अस्पताल जाएं।

कैसे फैलता है निपाह वायरस?

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक़ निपाह वायरस (NiV) तेज़ी से उभरता वायरस है, जो जानवरों और इंसानों में गंभीर बीमारी को जन्म देता है।
  • NiV के बारे में सबसे पहले 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह से पता चला था। वहीं से इस वायरस को ये नाम मिला। उस वक़्त इस बीमारी के वाहक सूअर बनते थे। लेकिन इसके बाद जहां-जहां NiV के बारे में पता चला, इस वायरस को लाने-ले जाने वाले कोई माध्यम नहीं थे। साल 2004 में बांग्लादेश में कुछ लोग इस वायरस की चपेट में आए। इन लोगों ने खजूर के पेड़ से निकलने वाले तरल को चखा था और इस तरल तक वायरस को लेने जानी वाली चमगादड़ थीं, जिन्हें फ्रूट बैट कहा जाता है।
  • सेंटर फ़ॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक निपाह वायरस का इंफ़ेक्शन एंसेफ़्लाइटिस से जुड़ा है, जिसमें दिमाग़ को नुक़सान होता है।
  • 5 से 14 दिन तक इसकी चपेट में आने के बाद ये वायरस तीन से 14 दिन तक तेज़ बुख़ार और सिरदर्द की वजह बन सकता है।

बीमारी के लक्षण क्या?

  • ये लक्षण 24-48 घंटों में मरीज़ को कोमा में पहुंचा सकते हैं। इंफ़ेक्शन के शुरुआती दौर में सांस लेने में समस्या होती है जबकि आधे मरीज़ों में न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें भी होती हैं।
  • साल 1998-99 में जब ये बीमारी फैली थी तो इस वायरस की चपेट में 265 लोग आए थे। अस्पतालों में भर्ती हुए इनमें से क़रीब 40% मरीज़ ऐसे थे जिन्हें गंभीर नर्वस बीमारी हुई थी और ये बच नहीं पाए थे।
  • आम तौर पर ये वायरस इंसानों में इंफेक्शन की चपेट में आने वाली चमगादड़ों, सूअरों या फिर दूसरे इंसानों से फैलता है।
  • मलेशिया और सिंगापुर में इसके सूअरों के ज़रिए फैलने की जानकारी मिली थी जबकि भारत और बांग्लादेश में इंसान से इंसान का संपर्क होने पर इसकी चपेट में आने का ख़तरा ज़्यादा रहता है।

केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस से कई लोगों की मौत की ख़बर है। इससे बचने के लिए राज्य सरकार ने अलर्ट जारी किया है। स्थिति पर नजर रखने के लिए सरकार की तरफ से कंट्रोल रूम खोले गए हैं, जो 24 घंटे काम करेंगे। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने लोगों को निपाह वायरस से बचने के तरीकों को अपनाने की अपील की है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने इस बात की पुष्टि की है कि चार में तीन मौते बुखार की वजह से हुए हैं, जो वायरस के कारण हुए थे।

मनिपाल यूनिवर्सिटी के इपीडेमियोलॉजी विभाग के डॉ. अरुण कुमार ने बीबीसी तमिल से बात की। उन्होंने बताया कि निपाह वायरस चमगादड़ों के लार से फैलता है, इसलिए लोगों को इससे बचना चाहिए। डॉ. अरुण ने बताया कि निपाह वायरस से बीमार लोगों से स्वास्थ्य व्यक्ति को दूर रहना चाहिए। यह बीमार व्यक्ति के लार से फैल सकता है। यह बहुत आसानी से जानवरों से इंसानों में फैल सकता है। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में यह इंसान से इंसानों में फैल सकता है। अगर यह पता चलता है कि कोई निपाह वायरस से बीमार हुआ है तो उसे अस्पातल में भर्ती कराया जाना चाहिए।

दक्षिण भारत में निपाह वायरस से मौत के मामले सामने आने के बाद हिमाचल अलर्ट हो गया है। देवभूमि आ रहे सैलानियों की वजह से यहां भी वायरस के पहुंचने की आशंका बढ़ गई है। हालांकि, अभी तक ऐसे लक्षण वाला कोई भी मामला सामने नहीं आया है। स्वास्थ्य सेवाएं निदेशालय ने सभी सीएमओ को निर्देश जारी कर सावधान रहने को कहा है। स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक डॉ. बलदेव कुमार ने कहा कि दक्षिण भारत में निपाह वायरस के मामले सामने आने के बाद से हिमाचल अलर्ट है। अधिकारियों को रूटीन में इस बारे में बता दिया गया है कि वे अपडेट रहें। प्रदेश में आने वाले जिन पर्यटकों को खांसी, जुकाम या बुखार है, सरकार ने उनकी स्वास्थ्य जांच करवाने के निर्देश दिए हैं। ये निर्देश एहतियात के तौर पर दिए गए हैं ताकि किसी गंभीर खतरे से बचा जा सके। दक्षिण भारत के कई पर्यटक इन दिनों हिमाचल की घुमने करने के लिए आ रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने ऐहतियात के तौर पर पर्यटकों की स्वास्थ्य जांच करवाने के निर्देश दिए हैं।

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