एसजेवीएन ने मनाया 31वां स्थापना दिवस, सतलुज आराधना का किया आयोजन

  • नदियां माँ के समान करती हैं पोषण, इसलिए नदियां माँ के समान पूजनीय : नंदलाल शर्मा
  • गंगा की तर्ज पर पहली बार की गई सतलुज की आरती
  • आस्था एवं श्रद्धा की भावधारा से सराबोर होकर जगमगा उठा किन्नौर का नाथपा
  • सभी को नदी, जलाशय व जल स्रोतों का आदर सम्मान कर उनका करना चाहिए संरक्षण
  • बांध स्थल नाथपा में बनारस के विद्वान पंडितों ने पारंपरिक वेशभूषा में की सतलुज की आराधना
नदियां माँ के समान करती हैं पोषण, इसलिए नदियां माँ के समान पूजनीय : नंदलाल शर्मा

नदियां माँ के समान करती हैं पोषण, इसलिए नदियां माँ के समान पूजनीय : नंदलाल शर्मा

शिमला: प्रति वर्ष 24 मई को एसजेवीएन लिमिटेड द्वारा निगम का स्थापना दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष निगम के 31वें स्थापना दिवस के उपलक्ष पर सतलुज नदी पर निर्मित एसजेवीएन लिमिटेड की पहली परियोजना नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन के बांध क्षेत्र, नाथपा में निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा द्वारा परिकलपित सतलुज आराधना का आयोजन किया गया।

इस सतलुज आराधना में निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा, निदेशक (वित्त) अमरजीत सिंह बिंद्रा और निदेशक (सिविल) कंवर सिंह एवं नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन के परियोजना प्रमुख संजीव सूद की गरिमामई उपस्थिति में बनारस से आए पंडितों द्वारा सामूहिक रूप से सतलुज की आराधना की गयी और कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने इसमें हर्षोल्लास के साथ भाग लिया।

हिमाचल में बहने वाली सतलुज नदी की गंगा की तर्ज पर पहली बार आरती की गई। सतलुज नदी पर बने नाथपा-झाकड़ी बांध पर सोमवार को पहली बार सतलुज की आरती की गई। बनारस और हरिद्वार की गंगा आरती की तर्ज पर यह पहल एसजेवीएनएल ने की है। पहली बार इस आयोजन से सतलुज नदी का आध्यात्मिक गौरव बनाए रखने की कोशिश की गई है।

निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने इस ऐतिहासिक अवसर पर सतलुज नदी का महत्व बताते हुए कहा कि जीवन को पोषण देने वाली सतलुज नदी वास्तव में जीवन-धारा है। नदियां जन्म से लेकर अंत तक माँ के समान पोषण करती हैं, इसलिए नदियों को माता कहकर उन्हें पूजनीय माना गया है। उन्होंने कहा कि आरती के बाद मिलने वाले सम्मान से नदी न सिर्फ लोगों की मनोकामनाओं को पूरा करेगी बल्कि सभी परियोजनाओं पर अपना आशीर्वाद बनाए रखेगी। इस नदी पर नाथपा झाकड़ी हाईड्रो पावर स्टेशन, रामपुर जल विद्युत स्टेशन, करछम वांगटू प्रोजेक्ट जैसी हाईड्रो पावर परियोजनाएं हैं।

भारत में नदियों की पूजा-अर्चना के जितने भी पर्व हैं, उन सबका उद्देश्य जल को पवित्र रखना है। अत : हम सभी को नदी, जलाशय और जल स्रोतों का आदर सम्मान कर उनका संरक्षण व संवर्धन करना चाहिए। बांध स्थल, नाथपा में बनारस के विद्वान पंडितजनों ने पारंपरिक वेशभूषा में सतलुज आराधना को भव्यता प्रदान की। इस अवसर पर प्राचीन परंपरा का निर्वाह करते हुये उपस्थित जनसमूह द्वारा एक-एक दीप प्रज्वलित कर सतलुज नदी में प्रवाहित किया गया। इस कार्यक्रम से जन-जातीय बहुल जिला किन्नौर के अंतर्गत आने वाला यह क्षेत्र आस्था एवं श्रद्धा की भावधारा से सराबोर होकर जगमगा उठा। 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन द्वारा सतलुज आराधना से पहले एनजेएचपीएस विद्युत गृह, झाकड़ी से बांध स्थल, नाथपा तक क्रमिक मैराथन का आयोजन भी किया गया।

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