शिमला: विधानसभा में आज शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने विपक्ष द्वारा तबादला नीति के सवाल का जबाव देते हुए कहा कि सरकार बनते समय जब उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया जा रहा था तो उन्होंने मुख्यमंत्री से यही इच्छा जताई थी कि वह शिक्षा मंत्री बनना चाहते है, तबादला मंत्री नहीं। सरकार गठन के दो दिन बाद ही दिल्ली में हुई एक बैठक में उनकी मुलाकात कई प्रदेशों के मंत्रियों से हुई थी। उसी के बाद से विभिन्न प्रदेशों के ट्रांसफर मॉडल का अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब सरकार तबादला नीति बनाएगी तो उससे पहले सभी हितधारकों व विधायकों से जरूर चर्चा करेगी।
विपक्ष द्वारा शिक्षा पर लाए गए कटौती प्रस्ताव के जवाब में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि विभिन्न श्रेणी शिक्षकों के बीच वेतन व अन्य सुविधाओं को लेकर चल रहे भेदभाव को खत्म करने के लिए सरकार ठोस नीति बनाने जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार या तो उन्हें रेगुलर करेगी या फिर उनके लिए एक नीति तैयार करेगी जिससे एक ही क्लास और एक ही विषय को पढ़ाने वाले अलग अलग श्रेणी के शिक्षकों को वेतन में अंतर का सामना न करना पड़े। विपक्ष द्वारा रूसा को लेकर सवाल का जबाव देते हुए शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में रूसा को नहीं बल्कि उसके अंतर्गत चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम और सेमेस्टर परीक्षा प्रणाली को खत्म कर वार्षिक प्रणाली शुरू करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि नए शैक्षणिक सत्र से पहले इस पर फैसला ले लिया जाएगा।