नौणी : भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने डॉ॰ वाई एस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी को 215.43 लाख रुपये (2.15 करोड़ रुपये) का विकास अनुदान जारी किया है। विश्वविद्यालय में शैक्षणिक और अनुसंधान सुविधाओं को मजबूत करने के लिए यह अनुदान मंजूर किया गया है। यह विकास अनुदान आईसीएआर के कृषि शिक्षा डिवीजन योजना के ‘कृषि विश्वविद्यालयों के विकास’ के उप-घटक के अंतर्गत जारी की गई है।
अतिरिक्त निधि के लिए आईसीएआर का धन्यवाद करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति डा॰ एच सी शर्मा ने कहा कि इस फंड की एक बड़ी राशि का उपयोग हॉस्टल, प्रयोगशालाओं, कक्षाओं के नवीनीकरण और आधुनिकीकरण के लिए उपयोग किया जाएगा और विश्वविद्यालय के परिसर में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने पर खर्च होगा। अनुदान में 12 लाख रूपये की राशि परीक्षा और 3.16 लाख रुपए अतिथि और अड़जंक्ट(adjunct) संकाय के लिए निर्धारित की गई है।
डा॰ शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में अनुसंधान गतिविधियों को समर्थन देने के लिए विभिन्न वित्तपोषण एजेंसियों को अनुसंधान प्रस्ताव/ परियोजनाओं भेजी गई है। 2017-18 शैक्षणिक वर्ष में,विश्वविद्यालय ने विभिन्न वित्तपोषण एजेंसियों को फंडिंग के लिए 146 करोड़ रुपये से अधिक की 105 परियोजनाओं भेजी है। इस अवधि में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक 5॰04 करोड़ रुपये की लगभग 19 परियोजनाओं को प्राप्त करने में सफल रहे हैं और कई अन्य प्रोजेक्ट पाइपलाइन में हैं। यह परियोजनाएँ जैव प्रौद्योगिकी विभाग (भारत सरकार), आईसीएआर, एससीएसटीई (हि॰प्र॰),हिमाचल प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग,हिमाचल राज्य जैव विविधता बोर्ड आदि संस्थाओं से अनमोदित हुई है।