हिमाचल में जल्द शुरू होगा ‘नो हॉर्न‘ अभियान

शिमला: अनावश्यक हॉर्न बजाने के कारण स्वास्थ्य के लिए होने वाले नुकसान के सम्बन्ध में जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से शीघ्र ही राज्य में ‘नो हॉर्न’ अभियान राज्य सरकार शुरू करेगी। यह निर्णय अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा नन्दा की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित बैठक में लिया गया। बैठक में शिमला के उपायुक्त अमित कश्यप, विशेष सचिव मुख्यमंत्री तथा  विज्ञान,पर्यावरण एवं प्रोद्योगिकी डी.सी.राणा, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक अनुपम कश्यप, नगर निगम शिमला के आयुक्त रोहित जमवाल, पुलिस अधीक्षक शिमला, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियन्ता अशोक चौहान तथा लोक निर्माण विभाग, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा परिवहन इत्यादि के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

नंदा ने कहा कि प्रायः देखा गया है कि अनावश्यक हॉर्न बजाना न केवल लोगों को असुविधाजनक है बल्कि यह भी प्रदर्शित करता है कि हम पर्यावरण तथा अन्य प्राणियों के प्रति कितने संवेदनशील हैं। उन्होंने कहा कि शोर महज एक बाधा ही नहीं बल्कि एक गम्भीर पर्यावरण सम्बन्धी समस्या तथा स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। उन्होंने कहा कि वाहनों में हॉर्न बजाने से ध्वनि प्रदूषण के बारे में जागरूकता की कमी के चलते मनुष्य के स्वास्थ्य और व्यवहार पर प्रतिकूल प्रभाव चिन्ता का विषय है जिसका शीघ्र समाधान करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि अभियान इलैक्ट्रॉनिक तथा सोशल मीडिया के प्रभावी उपयोग के माध्यम से सभी हितधारकों की सहमति से चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वाहन चालकों, टैक्सी यूनियनों, बस तथा ट्रक चालकां तथा स्कूली बच्चों को जागरूक करने के लिए व्यापक सूचना अभियान चलाया जाएगा। चुनिंदा स्थानों पर पुलिस कर्मियों को ध्वनि मीटर प्रदान किए जाएंगे और वे सीटी बजाने के बजाए ‘रूको’ और ‘जाओ’ का प्रयोग करने के लिए भी कहा जाएगा।

नंदा ने कहा कि अभियान पहले चरण में शिमला तथा मण्डी शहरों से शुरू किया जाएगा और चरणबद्ध ढंग सें राज्य के अन्य शहरी क्षेत्रों में तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभियान केवल शहरी क्षेत्रों में चलाया जाएगा और ग्रामीण क्षेत्रों तथा राजमार्गो में यह अभियान लागू नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अभियान शुरू होने के उपरान्त यातायात पुलिस लोगों को पहले सतर्क करेगी और उसके उपरान्त अत्यधिक एवं अनावश्यक हॉर्न बजाने पर चालान करेगी। नंदा ने कहा कि अनावश्यक हॉर्न बजाने की समस्या से निजात पाने के उद्देश्य से वाहन चलाने के तौर-तरीकों तथा युवा पीढ़ी में नागरिक संवेदनशीलता के बारे में विशेष तौर पर जानकारी दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि क्योंकि हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन गंतव्य है, इसलिए उन्हें शांतिपूर्ण माहौल प्रदान करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में पक्षी और जानवर निवास करते हैं और ध्वनि प्रदूषण उनके अस्तित्व के लिए एक बड़ा खतरा है। नंदा ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही प्रदेश में प्रेशर हॉर्न के प्रयोग पर पाबंदी लगाई है।

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