कैसे करें "मेथी" की उन्नत खेती

“मेथी” की उन्नत खेती उत्तरी भारत की पत्तियों वाली सब्जी की मुख्य फसल

रोगों से मेथी के पौधों का बचाव:

रोगों से मेथी के पौधों का बचाव:

उपज : मेथी की उपज जाति अनुसार पूसा अर्ली-बन्चिंग 7-8 टन प्रति हेक्टर तथा पूसा कसूरी की उपज 8-10 टन प्रति हेक्टर (पत्तियां) प्राप्त हो जाती है।

रोगों से मेथी के पौधों का बचाव:  मेथी की फसल के लिए अधिक बीमारी नहीं लगती है। यदि डेम्पिंग आफ मिल्ड्यू या अन्य कोई बीमारी लगती है तो रोगी पौधों को उखाड़ना चाहिए तथा बीजों को फंजीसाइड से उपचारित करके बोना चाहिए।

कीट अधिकतर पत्ती काटने वाला केंटरपिलर, ग्रासहोपर तथा बी टिल आदि का अधिक प्रकोप होता है। इनके नियन्त्रण के लिये फसल को साफ, खरपतवारों से रहित रखना चाहिए तथा अधिक प्रकोप होने पर 0.1% बी.एस.सी. का छिड़काव करना चाहिए।

सावधानी रखें कि कीटनाशक दवाओं का प्रयोग ऐसी फसलों पर न करें जिसकी कटाई अधिक व जल्दी-जल्दी हो तथा कीटनाशक लगाने के 8-10 दिन तक प्रयोग न करें। बाद में अच्छी तरह पत्तियों को धोकर ही प्रयोग करें।

साभार : kaiseaurkya.com

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