आम, केले और पपीते का एक समान पकना

आम, केले और पपीते का एक समान पकना

आम, केले और पपीते का एक समान पकना

आम, केले और पपीते का एक समान पकना

आम, केले और पपीते का एक समान पकना

पपीता 1आम, केले और पपीते प्राय: परिपक्व होने पर पकने से पहले पेड़ से तोड़े जाते हैं और इसके बाद पकने के लिए छोड़ दिए जाते हैं। प्राकृतिक अवस्था में उनके पकने की गति धीमी होती है और इस कारण उनके वजन में भारी कमी होती है, और निर्जलीकरण होने के साथ-साथ उनका पकना भी असमान रूप से होता है। केले की कुछ व्यावसायिक किस्में जैसे कि ताइवान रेड लेडी अन्दर से असमान रूप से पकती है। डंठल और पुष्पण सिरे मध्य भाग की तुलना में कठोर बने रहतेहैं।

पकने की क्रिया में तेजी लाने के लिए आमतौर पर फलों पर इथरेल का छिड़काव अथवा फलों को इथरेल में डुबा कर रखने की अनुशंसा की जाती है किंतु यह एक बोझिल प्रक्रिया है और व्यावसायिक रूप से उपलब्ध इथरेल में रासायनिक अशुद्धियाँ मिले रहने पर इससे समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इससे बचने के लिए इथलीन गैस का प्रयोग आधुनिक पक्वन प्रकोष्ठों में किया जाता है जिसमें भारी निवेश की आवश्यकता होती है और किसानों तथा छोटे व्यापारियों के लिए यह आर्थिक रूप से लाभदायक नहीं होता। विकल्प के तौर पर, एक सरल आर्थिक विधि को फलों को पकाने हेतु मानकीकृत किया गया है जिसमें फलों को प्लास्टिक टैंट में इथिलीन गैस के सम्पर्क में रख जाता है

कमरे के तापमान पर पपीते के फल को 3 दिन भंडारित रखने के बादपपीता 3

पपीता २इथिलीन गैस (100 पीपीएम) के सम्पर्क में रखे गये पपीते के फल को कमरे

केले

केले

पपीता

पपीता

आम

आम

के तापमान पर 3 दिन भंडारित करने के बाद

इसमें, इथिलीन गैस मुक्त होने के लिए इथरेल में अल्प मात्रा में क्षार मिलाया आता है और फलों को इस उत्पन्न गैस में वायुरुद्ध पोर्टेबल प्लास्टिक टैंट में बंद कर रखा जाता है। फलों को वायुरुद्ध टैंटों के अन्दर ज्ञात आयतन वाले वायुनिकास युक्त प्लास्टिक के क्रेटों में रखा जाता है। इथरेल की वांछित/आकलित मात्रा को एक बर्तन में टैंट के अन्दर रखा जाता है जिसमें एक निश्चित मात्रा में क्षार (सोडियम हाइड्रॉक्साइड) मिलाया जाता है ताकि इथिलीन गैस मुक्त हो सके और उसके बाद टैंट को तुरंत वायुरुद्ध तरीके से बंद कर दिया जाता है। एक छोटी-सा बैट्री चालित पंखा, टैंट के अन्दर मुक्त इथिलीन गैस के एक समान संचरण हेतु, रखा जा सकता है। 18-24 घंटे तक इसमें रखने के बाद फलों को बाहर निकाल कर पकने की प्रक्रिया को पूर्ण करने हेतु कमरे के तापमन पर रखा जाता है।

आम के फलों को 24 घंटे तक 100 पीपीएम इथिलीन के सम्पर्क में रखने के बाद ये गुणवत्ता पर बिना किसी हानिकारक प्रभाव के 5 दिनों में पककर तैयार हो जाते हैं अन्यथा इन्हें पकने में 10 दिन लगता था। इसी प्रकार केले के गुच्छे/हत्थे 100 पीपीएम इथिलीन गैस के सम्पर्क में 18 घंटे तक रखने के बाद कमरे के तापमान पर रह कर 4 दिनों में पक जाते हैं। पपीते के फल को इथिलीन गैस के साथ रख कर और फिर 4 दिन कमरे के तापमान में रखने पर ये सतह के समान रंग और कठोरता के साथ पकते हैं।

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