शिमला: पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि नोट बदलने की प्रक्रिया में आ रही छोटी-मोटी दिक्कतों को दरकिनार करके जनता ने जिस धैर्य और उत्साह का परिचय दिया है उससे स्पष्ट है कि देश की दिशा और दशा बदलने वाले मोदी सरकार के इस निर्णय से जनता बेहद खुश है। ’’सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान’’ की तरह कालेधन की सम्पूर्ण सफाई के इस आंदोलन में भी जनता कंधे से कंधा मिलाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ खड़ी हो गई है। शासन के निर्णयों में जनता की सहभागिता का इस तरह का उदाहरण इससे पूर्व कभी देखने को नहीं मिला था।
प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि 1942 के अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन की तर्ज पर देश मे ’’कालेधन भारत छोड़ो’’ का शुद्धिकरण का आंदोलन चल रहा है। इस प्रक्रिया के पूरी होने के पश्चात निश्चितरूप से ’’नवभारत’’ का निर्माण शुरू हो जाएगा। राजनीति में कालेधन की भूमिका पूरी तरह खत्म हो जाने से अधिक योग्य और प्रतिभाशाली लोग राजनीति में आ पायेंगे। इसी तरह रूके हुए धन का बैंकिग सिस्टम में आ जाने से यह धन विकास की योजनाओं में लगेगा जिससे न केवल देश विकसित होने की तरफ को बढ़ेगा, बल्कि रोजगार के करोड़ों अवसर भी पैदा होंगे। सरकार के इस निर्णय से ऋण दरों में कमी, महंगाई में कमी, फ्लैट की कीमतों में कमी जैसे अनेक फायदों से अन्ततः आम आदमी को ही लाभ पहुंचेगा। देश कैश लैस सोसाईटी की तरफ को बढ़ेगा जिससे भ्रष्टाचार पर पूर्णतः लगाम लग जाएगी।
प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस निर्णय से ईमानदार व्यक्ति पहली बार अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। लोगों को अपनी ईमानदारी की कीमत का अहसास हो रहा है। इस निर्णय के विरोध में केवल वही लोग खड़े हैं जो अकूत काली कमाई को ठिकाने लगाने में असहज महसूस कर रहे हैं या फिर वो असमाजिक तत्व जो भारत में रहकर भारत को तोड़ने के सपने देख रहे थे। देश विरोधी ताकतों के मनसूबों पर मोदी सरकार के इस कड़े प्रहार के पश्चात उनका बौखलाना स्वाभाविक है। देश के लोग भी आज इस तरह के लोगों को पहचान रहे हैं।
प्रो. धूमल ने विरोध कर रहे कुछ विपक्षी नेताओं को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जो लोग कुछ दिन पूर्व कालेधन पर कोई कार्यवाही न होने के नाम पर सरकार पर निशाना साध रहे थे, आज कालेधन के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक हो जाने पर वही लोग जनता की मुश्किलों का बहाना लेकर मोदी सरकार पर हमले कर रहे हैं, जबकि जनता इस निर्णय से खुश है। ऐसे में विरोध करने वाले नेता सिर्फ स्वयं को एक्सपोज ही कर रहे हैं।