- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परियोजना की सफलतापूर्वक कमीशनिंग के लिए की “एसजेवीएन” के प्रयासों की सराहना
- वर्ष 1988 में स्थापित यह कंपनी राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ विश्व स्तर पर भी मुख्य विद्युत उत्पादक कंपनी के रूप में उभरी है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परियोजना की सफलतापूर्वक कमीशनिंग के लिए की “एसजेवीएन” के प्रयासों की सराहना

एसजेवीएन
शिमला : भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मंडी जिले के ऐतिहासिक पड्डल मैदान से एसजेवीएन के 412 मेगावाट के रामपुर जलविद्युत स्टेशन को राष्ट्र को लोकार्पित किया। यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के शिमला और कुल्लू जिलों में सतलुज नदी पर अवस्थित है। नरेन्द्र मोदी ने समारोह स्थल पर रखे गए 412 मेगावाट के रामपुर जलविद्युत स्टेशन के मॉडल को भी देखा तथा परियोजना की सफलतापूर्वक कमीशनिंग के लिए एसजेवीएन लि. के प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल महामहिम आचार्य देवव्रत, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, केन्द्रीय विद्युत मंत्री पीयूष गोयल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण केन्द्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा, विपक्ष के नेता पी.के. धूमल तथा मंत्रालयों एवं राज्य सरकार से अन्य उच्चाधिकारियों सहित एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर.एन.मिश्र, एसजेवीएन के निदेशक (विद्युत) आर.के.बंसल उपस्थित थे। इस लोकार्पण समारोह का साक्षी वीडियो लिंकेज के माध्यम से रामपुर जलविद्युत स्टेशन भी था, जहां निदेशक (वित्त) ए.एस. बिन्द्रा, निदेशक (कार्मिक) नन्द लाल शर्मा, निदेशक (सिविल) कंवर सिंह, आरएचपीएस के परियोजना प्रमुख सुरेश कुमार सहित रामपुर जलविद्युत स्टेशन के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
एसजेवीएन लि. भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अधीन एक मिनी रत्न एवं शेड्यूल– ‘ए’ सीपीएसयू है जो भारत सरकार तथा हिमाचल प्रदेश सरकार का एक संयुक्त उपक्रम है। वर्ष 1988 में स्थापित यह कंपनी राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ विश्व स्तर पर भी मुख्य विद्युत उत्पादक कंपनी के रूप में उभरी है।
412 मेगावाट के रामपुर जलविद्युत स्टेशन का डिजाईन एवं प्रचालन अग्रानुक्रम में प्रचालित संयंत्र 1500 मेगावाट के नाथपा झाकड़ी जलविद्युत संयंत्र से निकलने वाले पानी (टेल वाटर) के उपयोग से किया जा रहा है तथा इसलिए इसमें कोई बांध या डिसिल्टिंग चैम्बर शामिल नहीं है। परियोजना के मुख्य कार्य वर्ष 2007 में प्रारम्भ हुए तथा सभी छ: इकाईयां वित्तीय वर्ष 2014-15 में सफलापूर्वक कमीशन की गई। भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय द्वारा रामपुर जलविद्युत स्टेशन की ईकाई पांच तथा ईकाई दो को इसके निर्धारित समय से पूर्व पूरा करने के लिए “गोल्ड शील्ड” तथा “सिल्वर शील्ड” से भी पुरस्कृत किया गया।
रामपुर जलविद्युत स्टेशन को 1878.08 मिलियन यूनिट के वार्षिक विद्युत उत्पादन के लिए डिजाईन किया गया है। इसके प्रचालन के पहले वर्ष रामपुर जलविद्युत स्टेशन ने 97% के एमओयू लक्ष्य तथा इसकी डिजाईन एनर्जी से अधिक 99.592% का मानक वार्षिक संयंत्र उपलब्धता फैक्टर (एनएपीएएफ) हासिल किया। 15 अक्तूबर 2016 को कुल विद्युत उत्पादन 4919.17 मिलियन यूनिट है तथा संचयी संयंत्र फैक्टर(पीएएफ) 104.632% हासिल किया है। रामपुर जलविद्युत स्टेशन से उत्पादित विद्युत को उत्तरी क्षेत्र राज्यों यथा हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, जम्मू एंड कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड में वितरित किया जाता है। मेजबान हिमाचल प्रदेश को 13% नि:शुल्क विद्युत की आपूर्ति की जाती है। रामपुर जलविद्युत स्टेशन परियोजना प्रभावित पंचायतों तथा परियोजना के आसपास के क्षेत्रों के सतत सामाजिक आर्थिक विकास में अत्यधिक योगदान दे रहा है।