आईजीएमसी कार्डियोलॉजी प्रोसिजर सुविधा वाला एकमात्र सरकारी मेडिकल कॉलेज

  • स्वास्थ्य क्षेत्र प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में: मुख्यमंत्री
  • एसीएस पंजीकरण के लिए क्षेत्रीय अस्पताल हमीरपुर को प्रथम पुरस्कार

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान देश में एक आधुनिक एवं प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान के रूप में उभरा है और अब यह संस्थान ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ बनने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री आज यहां आईजीएमसी में निरन्तर चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम एवं हृदय रोग विभाग के एक सम्मेलन, जो स्वर्ण जयन्ती समारोह का एक भाग है, के शुभारम्भ अवसर पर बोल रहे थे।

इस अवसर पर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डा. बलदेव ठाकुर, प्रधान सचिव स्वास्थ्य प्रबोध सक्सेना, आईजीएमसी के प्राचार्य डा. अशोक शर्मा,  निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. के.पी. चौधरी, दन्त महाविद्यालय के प्रचार्य डा. आर.पी. लुथरा, आईजीएमसी के चिकित्सा अधीक्षक डा. रमेश चन्द, उप चिकित्सा अधीक्षक डा. राहुल राव, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष एस.एस. जोगटा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

उन्होंने कहा कि आईजीएमसी राज्य का एक उत्कृष्ट स्वास्थ्य संस्थान है और राज्य सरकार इस संस्थान को आधुनिक उपकरण एवं प्रौद्योगिकी प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है, ताकि लोग यहां बेहतर उपचार प्राप्त कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह आईजीएमसी शिमला में हृदय रोग का सम्पूर्ण विकसित विभाग के रूप में देखना चाहते हैं, ताकि लोगों को हृदय रोगों के उपचार के लिए बाहरी राज्यों में न जाना पड़े। उन्होंने कहा कि आज हृदय रोग विभाग में अत्याधुनिक कैथ लैब, सघन चिकित्सा यूनिट (आईसीयू), पीस मेकर के लिए सुविधा, कलर डॉप्लर, इको-कार्डियोग्राफ, ईसीजी सहित अन्य परीक्षण सुविधा तथा अन्य सम्बन्धित आधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि यह बड़े गौरव की बात है कि आईजीएमसी में अब ओपन हार्ट सर्जरी भी की जा रही है। संस्थान में सभी प्रमुख विशेषज्ञ विभागों में आईसीयू की सुविधा उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज वर्ष 1997 से बेहतर कार्डियोलॉजी प्रोसिजर तथा वर्ष 2005 से सीटीवीएस विभाग के अन्तर्गत ओपन हार्ट सर्जरी आरम्भ करने वाला संभवतः एकमात्र राजकीय मेडिकल कॉलेज है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि आईजीएमसी आज कम लागत पर गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के अतिरिक्त, सीमित आय वाले व्यक्तियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के मामले में देश में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने का दावा कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे न्यून एवं मध्यम आय वाले देशों में रोगी उन्मुख अनुसंधान के संदर्भ में विविध सामाजिक मिशन के माध्यम से सामुदायिक हितों की पूर्ति करने में भी यह संस्थान अग्रणी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान अपने उत्कृष्ट शैक्षणिक ज्ञान के माध्यम से अनेक प्रकार के जटिल स्वास्थ्य मामलों के उपचार के लिए का मार्मिक एवं उत्कृष्ट विशेषज्ञता एवं अद्यतन अनुसंधान का इस्तेमाल कर रहा है।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र उनकी सरकार के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में हैं तथा राज्य के प्रत्येक कोने तक लोगों को उनके घरद्वार के समीप बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। वीरभद्र सिंह ने कहा कि चिकित्सा एक पुनीत व्यवसाय है और वे सभी चिकित्सकों से आशा करते हैं कि वे मेडिकल व्यवसाय के मूल्यों एवं मर्यादा को बनाए रखें तथा समर्पण भाव से मानवता की सेवा करें। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पीजीआईएमईआर, मद्रास मेडिकल कॉलेज चेन्नई, डीएमसी लुधियाना एवं एम्स से ‘एक्यूट कॉरोनरी सिंड्रोम अपडेट’ सम्मेलन में विशेष तौर पर आमंत्रित चिकित्सकों सम्मानित भी किया।

एसीएस पंजीकरण के लिए क्षेत्रीय अस्पताल हमीरपुर को प्रथम तथा मण्डी को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया। चैरीटेबल अस्पताल भोटा के डा. विजय सहगल को एसीएस के निजी पंजीकरण के लिए सर्वश्रेष्ठ आंका गया। स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि 1992 में हृदय रोग का अलग विभाग स्थापित किया गया और तब से लेकर इस विभाग ने स्वास्थ्य क्षेत्र में बहुत विकास किया है। वर्तमान में विभाग में छः विशेष चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं और स्तरोन्नत हृदय रोग सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हृदय रोग विभाग विभिन्न अनुसंधान गतिविधियों व स्वास्थ्य सेवाओं में शामिल है, जो देष भर में बेहतरीन मानी जाती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य पर 26000 रुपये वार्षिक खर्च कर रही है, जो देश भर में एसीएस पंजीकरण के अलावा सर्वाधिक है। उन्होंने पूर्व केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद का प्रदेश के नाहन, हमीरपुर तथा चम्बा के लिए तीन चिकित्सा मेडिकल कालेज स्वीकृत करने के लिए आभार व्यक्त किया।

आईजीएमसी के हृदय रोग विभाग के प्रमुख डा. पी.सी. नेगी ने मुख्यमंत्री का स्वागत तथा सीएमई तथा एसीएस अद्यतन के बारे विस्तृत जानकारी दी।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *