एसजेवीएन उत्‍कृष्‍ट सीएसआर कार्यों के लिए “पी.एल.रॉय अवार्ड” से सम्‍मानित

  • अवार्ड राज्‍यमंत्री डॉ.जितेन्‍द्र सिंह ने एसजेवीएन के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर.एन.मिश्र को नई दिल्‍ली में किया प्रदान
  • समारोह हैल्‍पएज इंडिया द्वारा ”वृद्ध व्‍यक्तियों के अंतर्राष्‍ट्रीय दिवस” के उपलक्ष में किया गया आयोजित
  • एसजेवीएन के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर.एन.मिश्र ने इस अवसर पर बताया : हैल्‍पएज इंडिया के सहयोग से 10 मोबाईल चिकित्‍सा ईकाईयों के माध्‍यम से उपलब्‍ध करवाई है चिकित्‍सा सुविधा
  • सतलुज संजीवनी सेवा से अभी तक लगभग 90,000 लोग लाभान्वित
  • 70 विशेषज्ञ चिकित्‍सा शिविरों के माध्‍यम से लगभग 16,000 रोगियों का हुआ उपचार
एसजेवीएन के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर.एन.मिश्र

एसजेवीएन अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर.एन.मिश्र

शिमला: हैल्‍पएज इंडिया द्वारा एसजेवीएन को इसकी विभिन्‍न कारपोरेट सामाजिक दायित्‍व की गतिविधियों में से एक के तहत अल्‍प चिकित्‍सा सुविधाओं वाले क्षेत्रों के निवासी समुदायों को निःशुल्‍क तथा गुणवत्‍ता युक्‍त चिकित्‍सा सुविधा उपलब्‍ध कराने में उत्‍कृष्‍ट योगदान के लिए प्रतिष्ठित ”पी.एल.रॉय अवार्ड ” से सम्‍मानित किया गया है। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन तथा पीएमओ के राज्‍यमंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने यह अवार्ड एसजेवीएन के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर.एन.मिश्र को आज नई दिल्‍ली में आयोजित एक भव्‍य समारोह में प्रदान किया। यह समारोह हैल्‍पएज इंडिया द्वारा ”वृद्ध व्‍यक्तियों के अंतर्राष्‍ट्रीय दिवस” के उपलक्ष में आयोजित किया गया था।

एसजेवीएन के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर.एन.मिश्र ने इस अवसर पर बताया कि एसजेवीएन ने हेल्‍पएज इंडिया के सहयोग से एसजेवीएन फाऊंडेशन के तत्‍वावधान में सतलुज संजीवनी सेवाके तहत हिमाचल प्रदेश, उत्‍तराखण्‍ड, बिहार तथा महाराष्‍ट्र के 9 जिलों, 73 ग्राम पंचायतों तथा 114 सामुदायिक स्‍थलों को कवर करते हुए परियोजना क्षेत्रों में तथा आसपास के स्‍थानीय निवासी समुदायों को निःशुल्‍क चिकित्‍सा सुविधा उपलब्‍ध करा रहा है। सन 2013 में शुरू की गई इस पहल पर अभी तक अमल जारी है।

मिश्र ने आगे बताया कि हैल्‍पएज इंडिया के सहयोग से 10 मोबाईल चिकित्‍सा ईकाईयों (एमएमयू) के माध्‍यम से चिकित्‍सा सुविधा उपलब्‍ध कराई जा रही हैं। इसके अतिरिक्‍त विशिष्‍ट चिकित्‍सा समस्‍याओं के लिए नियमित विशेषज्ञ चिकित्‍सा शिविरों का भी आयोजन किया जा रहा है। सतलुज संजीवनी सेवा का आरंभ वित्‍तीय वर्ष 2013-14 के दौरान किया गया था तथा अभी तक लगभग 90,000 लोग लाभान्वित हुए हैं। इसी प्रकार 70 विशेषज्ञ चिकित्‍सा शिविरों के माध्‍यम से लगभग 16,000 रोगियों का उपचार किया गया। इन 10 चिकित्‍सा मोबाईल इकाईयों के अतिरिक्‍त एसजेवीएन इसी प्रकार की दो चिकित्‍सा मोबाईल इकाईयों का नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्‍टेशन तथा रामपुर जलविद्युत स्‍टेशन के परियोजना प्रभावित क्षेत्रों में भी प्रचालन कर रहा है।

उन्‍होंने आगे बताया कि भारत के प्रधानमंत्री के ”स्‍वच्‍छ विद्यालय अभियान” के सपने को साकार करने के लिए एसजेवीएन को हिमाचल प्रदेश, बिहार, अरुणाचल प्रदेश तथा उत्‍तराखण्‍ड राज्‍यों के सरकारी स्‍कूलों में शौचालयों का निर्माण करना था। विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी लक्ष्‍यों के अनुसार एसजेवीएन को उपरोक्‍त चार राज्‍यों में 2271 शौचालयों का निर्माण करना था, जबकि लगभग 23 करोड़ रुपए की लागत से 2421 शौचालयों का निर्माण किया गया जो लक्ष्‍य से अधिक था।

  • जलविद्युत “एसजेवीएन” की मूलभूत शक्ति का आधार

    जलविद्युत एसजेवीएन की मूलभूत शक्ति का आधार

    जलविद्युत एसजेवीएन की मूलभूत शक्ति का आधार

जलविद्युत एसजेवीएन की मूलभूत शक्ति का आधार है। कंपनी को हिमाचल प्रदेश में भारत के सबसे बड़े 1500 मेगावाट के जलविद्युत स्‍टेशन के निर्माण की विशिष्‍टता हासिल है। इसके अलावा कंपनी नेपाल, भूटान, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्‍तराखण्‍ड, बिहार, गुजरात एवं महाराष्‍ट्र में 12 अन्‍य परियोजनाओं का निर्माण कर रही है। कंपनी की अन्‍य दो परियोजनाएं यानि हिमाचल प्रदेश में 412 मेगावाट की रामपुर जलविद्युत परियोजना तथा महाराष्‍ट्र में 47.6 मेगावाट की खिरवीरे पवन विद्युत स्‍टेशन पहले से प्रचालनाधीन हैं। एसजेवीएन पहले ही पवन विद्युत, ताप विद्युत तथा विद्युत पारेषण में विविधीकरण कर चुका है और वर्तमान में 2000 मेगावाट बिजली का उत्‍पादन कर रहा है।

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