शिमला: प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी उपायुक्तों को सम्बन्धित अधिकारियों के साथ हर माह अवैध खनन के विरूद्ध उठाए गए पगों की समीक्षा करने के लिए नये दिशा निर्देश जारी किए हैं। यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि प्रदेश सरकार ने उपायुक्तों को लोक निर्माण विभाग, राजस्व, वन अधिकारियों की समिति गठित करने को कहा है, क्योंकि प्रायः यह देखा गया है कि अधिकतर खडडों और नदियों की ओर जाने वाली सड़कें सरकारी अथवा वन भूमि से होकर बनाई गई हैं और इन स्थलों से निकाले गए खनिजों को लोक निर्माण विभाग की सड़कों के किनारे इकटठा किया जाता है।
प्रवक्ता ने कहा कि उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लि. के अधिकारियों को क्रेशर इकाइयों में बिजली के मीटर लगाना सुनिश्चित बनाएं ताकि ट्रांसफारमर, उप केन्द्रों स्तर पर बिजली की होने वाली चोरी की संभावनाओं को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि उपायुक्तों औचक निरीक्षक कर यह सुनिश्चित करें कि क्रेशर मालिकों द्वारा अवैध तरीके से डीजल जनरेटर सेटों का प्रयोग तो नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि खनन अधिनियम के तहत शक्तियों का विक्रेन्दीकरण किया गया है ताकि अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके। राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों जिनमेंं राजस्व, लोक निर्माण, सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य, खंड विकास अधिकारी, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सहित विभिन्न श्रेणियों के 39 अधिकारियों व कर्मचारियों को शक्तियां प्रदान की हैं। उप मंडलाधिकारी की अध्यक्षता में उड़न दस्ते का गठन किया गया है जिसमें उप पुलिस अधीक्षक व सहायक वन अरण्यपाल को इसका सदस्य बनाया गया है, जो अवैध खनन पर नजर रखने के लिए औचक छापेमारी की शक्तियां प्रदान की गई हैं।