राज्यपाल ने की डॉ.वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के 14वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता; मेधावी छात्रों को प्रदान किए स्वर्ण पदक
राज्यपाल ने की डॉ.वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के 14वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता; मेधावी छात्रों को प्रदान किए स्वर्ण पदक
सोलन: राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज जिला सोलन के डॉ. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के 14वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कुल 12 स्वर्ण पदक प्रदान किए, जिनमें 9 स्वर्ण पदक छात्राओं को मिले। इसके अलावा उन्होंने 518 मेधावी छात्रों को प्रमाण पत्र और 855 डिग्रियां प्रदान कीं। राज्यपाल ने सभी स्नातकों और उनके परिवारों को बधाई देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह केवल शैक्षणिक उपलब्धि नहीं, बल्कि किसानों तथा समाज और देश के प्रति नई जिम्मेदारी की शुरूआत भी है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा ड्रैगन फ्रूट, एवोकाडो, ब्लूबेरी, मैकाडामिया नट और कॉफी जैसे उच्च मूल्य वाले फलों को बढ़ावा देने तथा रासायनिक खेती पर निर्भरता कम करने के लिए प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के प्रयासों की सराहना की। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट शोध कार्यों, प्रकाशनों और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय समझौता ज्ञापनों की सराहना की। उन्होंने विश्वविद्यालय को औषधीय पौधों, जैव नियंत्रण और अन्य वैज्ञानिक शोध क्षेत्र में मिली राष्ट्रीय पहचान तथा छात्रों विशेषकर छात्राओं के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की। श्री शुक्ल ने कहा कि पूरे प्रदेश में नशामुक्ति अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने हिमाचल को नशामुक्त बनाने के लिए युवाओं से सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा प्रदेश में छात्रों, किसानों और समुदाय को जोड़कर चलाए गए नशामुक्ति जागरूकता कार्यक्रमों की भी सराहना की। उन्होंने स्नातकों से आग्रह किया कि वह नैतिकता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी को बनाए रखते हुए नवाचार, उद्यमिता और किसानों की आर्थिक उन्नति में योगदान दें तथा राष्ट्र और प्रदेश के हितों को हमेशा सर्वोपरि रखें। इस अवसर पर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की विभिन्न प्रकाशनों का विमोचन भी किया। भारत सरकार के कृषि वैज्ञानिक चयन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार विशेष अतिथि के रूप में समारोह में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि यह दिवस ज्ञान, शोध, फील्ड अनुभव और सेवा भाव का उत्सव है। उन्होंने कहा कि बागवानी, कृषि व वानिकी हिमाचल की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और इसे सुदृढ़ करने में विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्रों व अनुसंधान केन्द्रों का महत्त्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने युवाओं से एकीकृत बागवानी विकास मिशन, राष्ट्रीय बागवानी मिशन और बीआईओई-3 नीति में योगदान देने का आह्वान किया। इस अवसर पर कुलपति डॉ. राजेश्वर चंदेल ने राज्यपाल का स्वागत किया और वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि एनआईआरएफ-2025 में इस विश्वविद्यालय ने कृषि विश्वविद्यालयों में 20वां रैंक जबकि आईआईआरएफ राष्ट्रीय रैंकिंग में विश्वविालय में कृषि एवं बागवानी श्रेणी में 11वां स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशालय और कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा 3,766 विस्तार गतिविधियों के माध्यम से लगभग 89,344 किसानों व हितधारकों को लाभान्वित किया गया है। इसके अलावा 494 प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें 17,000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। रजिस्ट्रार सिद्धार्थ आचार्य ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।