शिमला: हिमाचल प्रदेश के सेब व अन्य जैविक उत्पादों को राज्य के बाहर प्रदर्शित करने के उद्देश्स से प्रदेश सरकार ने पहली बार शिमला के अतिरिक्त दिल्ली और चंडीगढ़ में भी ‘ऐप्पल फेस्टिवल’ आयोजित करने का निर्णय लिया है। ऐप्पल फेस्टिवल के संदर्भ में आज यहां मुख्य सचिव वी.सी. फारका की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। सितम्बर माह के तीसरे सप्ताह में शिमला जबकि नई दिल्ली व चंडीगढ़ स्थित हिमाचल भवन में क्रमशः अक्तूबर माह दूसरे व तीसरे सप्ताह में ऐप्पल फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा।
पर्यटन विभाग के आयुक्त मोहन चैहान, हि.प्र. पर्यटन विकास निगम के प्रबन्ध निदेशक दिनेश मल्होत्रा, एचपीएमसी के प्रबन्ध निदेशक जे.सी. शर्मा, निदेशक बागवानी डी.पी. भंगालिया, भाषा एवं संस्कृति विभाग की निदेशक शशि शर्मा व विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
फारका ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश के फल राज्य के रूप में उभरा है और इस उत्सव को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में उत्पादित हो रही सेब की विभिन्न किस्मों व गुणवत्ता के बारे में लोगों को शिक्षित करना है। इसके अतिरिक्त, सेब की विशेष किस्में और राज्य में उगाए जा रहे जैविक उत्पादों जैसे राजमाह, माश, काला जीरा, लाल चावल आदि को भी उत्सव के दौरान प्रदर्शित किया जाएगा। इस आयोजन से बागवानों को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त होगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि हिमाचल ही लगभग 4 करोड़ रुपये मजबूत सेब आर्थिकी है। प्रदेश सरकार के सतत् प्रयासों से फल उत्पादन क्षेत्र में कई गुणा वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि सेब उत्पादन से हिमाचल प्रदेश के 1.7 लाख से अधिक परिवार जुड़े हुए हैं और राज्य में 49 प्रतिशत क्षेत्र फल उत्पादन के अधीन है जिसमें से 85 प्रतिशत में केवल सेब का उत्पादन किया जा रहा है। सेब उत्पादन से प्रदेश के विभिन्न जिलों के लाखों लोगों को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हो रहे हैं जिसके कारण लोगों के जीवन स्तर में व्यापक सुधार आया है। मुख्य सचिव ने कहा कि शिमला में आयोजित होने वाले सेब उत्सव के दौरान फल उत्पादकों को सम्मानित किया जाएगा। इस उत्सव का आयोजन पर्यटन विभाग द्वारा एचपीएमसी, हि.प्र. पर्यटन विकास निगम, बागवानी तथा कृषि विभाग के सहयोग से किया जाएगा।