जिला परिषद शिमला की साधारण बैठक आयोजित; 75 प्रश्न एवं 66 प्रस्तावों पर विस्तारपूर्वक हुई चर्चा

शिमला: जिला परिषद शिमला की त्रैमासिक साधारण बैठक का आयोजन आज जिला परिषद भवन चलौंठी के सभागार में किया गया। बैठक की अध्यक्षता जिला परिषद अध्यक्ष चंद्र प्रभा नेगी ने की। बैठक से पूर्व प्रदेश में हाल ही में हुई भारी आपदा में जान गंवाने वालों के लिए श्रद्धांजलि स्वरूप 2 मिनट का मौन रखा गया।

बैठक के दौरान जिला परिषद सदस्यों के कुल 75 प्रश्न एवं 66 प्रस्तावों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई और संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। इस अवसर पर जिला परिषद् अध्यक्ष ने कहा कि जिला परिषद की बैठकों का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर विकास कार्यों को गति प्रदान करना तथा जनता की समस्याओं का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करना है। उन्होंने सभी सदस्यों की सक्रिय भागीदारी के लिए आभार जताया और अधिकारियों से आग्रह किया कि सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर प्राथमिकता से कार्यवाही करें।

बैठक में सदस्य अनिल काल्टा ने आपदा से हुए नुकसान की भरपाई हेतु पर्याप्त वित्तीय प्रावधान उपलब्ध करवाने की मांग की। इस पर कार्यकारी सदस्य सचिव एवं अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) पंकज शर्मा ने बताया कि आपदा से हुए नुकसान की भरपाई नियमों के अनुरूप की जा रही है, जिसके अंतर्गत ग्रामीण सड़कों के लिए प्रति किलोमीटर 75 हजार रुपए तथा राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़कों के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए देने का प्रावधान है। उन्होंने सदस्यों से आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण कर प्रस्ताव शीघ्र प्रशासन को भेजने का आग्रह किया।

जिला परिषद सदस्य सुभाष कैंथला ने नारकंडा या कुमारसैन में प्रदूषण जांच केंद्र खोलने का प्रस्ताव रखा, जिस पर हिमफैड के अधिकारी ने अवगत कराया कि इच्छुक उम्मीदवार मोर्थ पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं, जिसकी अनुमति एक सप्ताह के भीतर मिल जाती है। सदस्य त्रिलोक भलूनी ने प्राकृतिक आपदा से हुए भारी नुकसान को देखते हुए हिमाचल में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजने की अनुशंसा की। वहीं, सदस्य कौशल मूंगटा ने जिला परिषद भवन में सदस्यों के लिए लाउंज निर्माण का प्रस्ताव रखा, जिस पर बैठक में निर्णय लिया गया कि भवन की छत निर्माण पूर्ण होने के बाद लाउंज का निर्माण किया जाएगा।

इस बैठक में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े 10 नए प्रस्ताव भी अनुमोदित किए गए। सभी सदस्यों ने अपने क्षेत्रों की समस्याओं एवं आवश्यकताओं को सदन में उठाया और अधिकारियों से त्वरित व प्रभावी कार्यवाही की मांग की।

इस अवसर पर जिला परिषद उपाध्यक्ष सुरेन्द्र रेटका सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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