सोलन: किसानों को सेब की उन्नत तकनीकों और नई किस्मों के बारे में किया जागरूक
सोलन: किसानों को सेब की उन्नत तकनीकों और नई किस्मों के बारे में किया जागरूक
सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमारऔद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणीके कृषिविज्ञान केंद्र किन्नौर और क्षेत्रीय बागवानीअनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, शारबो, के संयुक्त तत्वाधान में ‘सेब दिवस’ काआयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को उन्नत बागवानी तकनीकों औरसेब की नई किस्मों से परिचितकरवाना था। कार्यक्रम के दौरानहाई डेंसिटी प्लांटेशन प्रणाली के अंतर्गत विकसित बगीचे में 15 उन्नत किस्मों का प्रदर्शनकिया गया। साथ ही, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उगाई जाने योग्य 41 किस्मों कीविस्तृत प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस व्यावहारिक प्रदर्शन से किसानों को प्रत्यक्षरूप से तकनीकों को देखने, समझने और अपनाने का अवसर मिला।
कार्यक्रम का शुभारंभसहायक आयुक्त किन्नौर ओम प्रकाश यादवद्वारा किया गया। उन्होंने किसानों के बीच वैज्ञानिक सोचऔर तकनीकी जानकारी की सराहना करते हुए कहा कि पारंपरिक अनुभव और आधुनिक तकनीकों कासमन्वय कृषि और बागवानी को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है। उन्होंने विशेष रूप सेहाई डेंसिटी प्लांटेशन को आजीविका सुधार का एक प्रभावी माध्यम बताया। कार्यक्रम मेंकृषि विज्ञान केंद्र के सह निदेशक एवं प्रमुख डॉ. प्रमोद शर्मा ने प्राकृतिकखेती, फसल विविधीकरण और एचडीपी बागवानी की उपयोगिता को विस्तार से समझाया।
जिला कृषि अधिकारी राकेश धीमान ने कृषि योजनाओं और किसानों के लिए उपलब्ध विभिन्नअनुदानों की जानकारी प्रदान की।फल वैज्ञानिक डॉ. दीपिकानेगी ने समशीतोष्ण फल फसलों की आधुनिक उत्पादन तकनीकों पर व्याख्यान दिया, जिससेकिसानों को नई वैज्ञानिक विधियों की स्पष्ट जानकारी मिली।
विशिष्ट अतिथि बीडीसी अध्यक्षललिता पंचारस ने बागवानों को वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाने हेतु प्रेरित किया। उन्होंनेकहा कि इस तरह के आयोजन ग्रामीण बागवानों और किसानों के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होतेहैं। कार्यक्रम में प्रगतिशील किसानों ने भी अपने-अपने अनुभव साझा किए। गांवलिप्पासे राम सैंण नेगी ने प्राकृतिक खेती सेप्राप्त लाभों पर प्रकाश डाला जबकि गांव असरंग के शकर्मा दाचुम ने सेब के पेड़ोंको चूहों से बचाने के लिए जी.आई. शीट का प्रयोग करने की अभिनव तकनीक प्रस्तुत कीजिसे उपस्थित बागवानों ने विशेष रुचि के साथ सुना।
कार्यक्रम के प्रशिक्षणसमन्वयक डॉ. अरुण कुमार ने किसानों को सलाह दी कि वे अपने क्षेत्रीय जलवायु औरपरिस्थितियों के अनुसार उपयुक्त किस्मों का चयन करें और आधुनिक तकनीकों को अपनाकरउत्पादन और गुणवत्ता में वृद्धि करें। इस अवसर पर बागवानी और कृषि विभाग केअधिकारी, पीसीडीओ किल्बा सहित 100 से अधिक बागवान उपस्थित रहे। सभी ने कार्यक्रमकी उपयोगिता की सराहना की और भविष्य में ऐसे आयोजनों की निरंतरता की अपेक्षा जताई।