शिमला: राजधानी शिमला जगह-जगह लैंडस्लाइड और पेड़ों के गिरने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित हो गया है। रामचंद्र चौक में देर रात अचानक बड़ा भूस्खलन हुआ। मलबा और बड़े-बड़े पेड़ सीधे सरकारी भवन की छत पर जा गिरे। हादसे के बाद सड़क पूरी तरह से यातायात के लिए ठप हो गई। बैनमोर वार्ड पर रामचंद्र चौक में एक बार फिर से काफी लैंडस्लाइड हुआ है। इसके चलते सड़क यातायात के लिए ठप्प हो गई है। भूस्खलन से बड़े पेड़ सरकारी भवन की छत पर जा पहुंचे हालांकि घटना में किसी का जानी नुकसान नहीं है। आसपास के मकानों को खतरा पैदा हो गया है, इसको देखते हुए मकानों को खाली किया गया है।
भूस्खलन की जानकारी मिलते ही नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि शिमला शहर में विकास नगर, कृष्णा नगर, कोमली बैंक और रामचंद्र चौक जैसे इलाकों में लैंडस्लाइड हुआ है, जिससे काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रशासन लगातार प्रभावित क्षेत्रों पर नजर बनाए हुए है और राहत कार्य चलाए जा रहे हैं।
भाजपा संजौली मंडल पहुंचे रामचंद्र लिया नुकसान का जायजा
शिमला: बेनमौर वार्ड में राम चंद्र चौक के समीप भूस्खलन से हुए भारी नुकसान का जायजा लेने भाजपा मंडल अध्यक्ष संजीव चौहान, प्रत्याशी संजय सूद, प्रदेश मीडिया संयोजक कर्ण नंदा, किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष संजीव दृष्टा, पूर्व पार्षद किमी सूद, शुभ महाजन, पीयूष नेगी और जोगिंदर चौहान पहुंचे। इस अवसर पर भाजपा नेताओं ने प्रशासन से बात कर इस भारी नुकसान से स्थानीय लोगों को राहत पहुंचाने की मांग की। मौके पर स्थितियां काफी नाजुक है जहां प्रशासन को 24 घंटे इस स्थान की कड़ी निगरानी रखनी चाहिए।
प्रत्याशी संजय सूद ने कहा कि पिछले साल भी यहां पर इसी स्थान पर नुकसान हुआ था पर जो लाखों में पैसा खर्च कर डंगे लगाने का काम किए वह ठीक प्रकार और उचित गुणवत्ता के साथ नहीं हुआ जिसके कारण इस साल एक बार फिर जनता को इसका खामियाजा पड़ा। इससे पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और जिन लोगों ने यहां पर रख रखाव का काम किया था उनसे भी कड़ी पूछताछ करनी चाहिए।
मीडिया संयोजक कर्ण नंदा ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि रामचंद्र चौक के पास जो नुकसान हुआ है इसको ठीक करने के लिए लंबा समय लगेगा। पी डब्लू डी और नगर निगम के बीच सामान्य की कमी के चलते इस जगह यानी रामचंद्र चौक के मरम्मत कार्य में विलंब होता दिखाई दे रहा है। हम प्रशासन के यह भी निवेदन करते है की जो लोग वहां पर अभी भी रह रहे हैं उनको सरकारी मकान देकर दूसरे मकान में स्थानांतरण करना चाहिए यह वहां की जनता की प्रमुख मांग है।