लाहौल स्पीति: आपदा की घड़ी में मानवता की मिसाल;- मूलिंग महिला मंडल, युवक मंडल, गौधला व्यापार मण्डल और घेपन मंदिर कमेटी का सहयोग अनुकरणीय – DC किरण भडाना

केलांग: जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में पिछले दिनों आई प्राकृतिक आपदा के चलते सड़कों के अवरुद्ध होने से कई पर्यटक तथा भारी और हल्के वाहन चालक सिस्सु क्षेत्र में फंसे रहे। आपदा की इस चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में स्थानीय स्तर पर जिस प्रकार से सामुदायिक संस्थाओं ने आगे आकर सहयोग किया, वह वास्तव में अनुकरणीय है। उपायुक्त लाहौल-स्पीति एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अध्यक्ष किरण भड़ाना ने आज सिस्सु क्षेत्र का दौरा कर इस योगदान को न केवल सराहा, बल्कि इसे मानवता की सच्ची सेवा की मिसाल भी बताया।

उन्होंने कहा कि आपदा के समय प्रशासन और सरकार की ओर से राहत एवं पुनर्वास के कार्य प्राथमिकता के साथ किए जाते हैं, लेकिन ऐसे अवसरों पर जब समाज के विभिन्न वर्ग और संस्थाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करें तो राहत प्रयास और अधिक प्रभावी हो जाते हैं। सिस्सु क्षेत्र में फंसे हुए पर्यटकों और वाहन चालकों के लिए मूलिंग महिला मंडल, युवक मंडल, गौधला व्यापार मण्डल और घेपन मंदिर कमेटी के सदस्यों ने पिछले कुछ दिनों से प्रतिदिन सुबह का नाश्ता, दोपहर और रात का भोजन निःशुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है। यह सेवा बिना किसी अपेक्षा के, केवल मानवता और सहयोग की भावना से प्रेरित होकर की जा रही है।

उपायुक्त किरण भड़ाना ने कहा कि ऐसी पहलें आपदा प्रबंधन प्रणाली को और मजबूत बनाती हैं और प्रशासनिक प्रयासों को गति देती हैं। उन्होंने विशेष रूप से यह उल्लेख किया कि जब बाहरी क्षेत्रों से आए पर्यटक कठिनाइयों का सामना कर रहे थे, तब सिस्सु के स्थानीय संगठनों ने उन्हें अपने अतिथि मानकर सेवा की और यह सुनिश्चित किया कि किसी को भी भूखे पेट रुकना न पड़े।

उन्होंने यह भी कहा कि लाहौल-स्पीति की जनता संकट की हर घड़ी में एकजुट होकर खड़ी होती है। यही कारण है कि प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद यहां मानवीय संवेदनाओं की एक मजबूत परंपरा जीवित है। मूलिंग महिला मंडल, युवक मंडल, गौंधला व्यापार मण्डल और घेपन मंदिर कमेटी के सदस्यों ने प्रशासन के साथ मिलकर यह साबित किया कि सामूहिक प्रयास से किसी भी कठिनाई का समाधान संभव है।

उन्होंने बताया कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से भी लगातार राहत और बचाव कार्य किए गए। फंसे हुए लोगों की सुरक्षित आवाजाही के लिए मार्ग बहाली का कार्य युद्ध स्तर पर करवाया। वहीं, स्थानीय स्तर पर सामुदायिक संस्थाओं द्वारा उठाए गए कदम इस बात का प्रमाण हैं कि आपदा के समय समाज की भागीदारी कितनी महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि आपदा की स्थिति में केवल सरकारी प्रयास पर्याप्त नहीं होते, बल्कि सामुदायिक भागीदारी से ही समग्र समाधान निकलता है। किरण भड़ाना ने सिस्सु क्षेत्र के मूलिंग महिला मंडल, युवक मंडल, गौधला व्यापार मण्डल और घेपन मंदिर कमेटी के सभी सदस्यों को भूरी-भूरी प्रशंसा की और उनके योगदान को समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताया। उन्होंने कहा कि इन संगठनों की यह सेवा आने वाले समय में आपदा प्रबंधन और सामाजिक सहयोग की एक मिसाल बनकर याद रखी जाएगी।

इस अवसर पर उपायुक्त ने क्षेत्र के लोगों से भी संवाद किया और उनकी समस्याओं एवं आवश्यकताओं की जानकारी ली। उन्होंने आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में सिस्सु क्षेत्र से मिली यह प्रेरक मिसाल न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के लिए अनुकरणीय है। इससे यह स्पष्ट होता है कि संकट चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, यदि समाज और प्रशासन एकजुट होकर कार्य करें तो हर मुश्किल पर विजय पाई जा सकती है।

इस अवसर पर उप पुलिस अधीक्षक रशमी शर्मा, खंड विकास अधिकारी लाहौल डॉ. विवेक गुलेरिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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