शिमला: लावारिस कुत्तों ने स्कूली बच्चों पर किया हमला; मामले पर निगम सदन में पार्षदों का हंगामा

शिमला: राजधानी शिमला में लावारिस कुत्तों ने तीन स्कूली बच्चों पर हमला किया। हमले में दो छात्र लहूलुहान हुए हैं। जानकारी के अनुसार बच्चे सुबह स्कूल आ रहे थे। ढली टनल के पास लावारिस कुत्तों के झुंड ने अचानक हमला कर दिया। टांगों पर गहरे घाव पड़े हैं। तीनों बच्चों को उपचार के लिए आईजीएमसी अस्पताल लाया गया है। कुत्ते के हमले में लहूलुहान हुए बेटे को पहले पिता ने आईजीएमसी अस्पताल पहुंचाकर भर्ती करवाया। फिर खुद महापौर कार्यालय के बाहर के बाहर धरने पर बैठ गए। तीन घंटे तक मेयर दफ्तर के बाहर धरने पर डटे रहे। मेयर सुरेंद्र चौहान ने भरोसा दिया कि कुत्तों से आतंक से राहत दिलाने के लिए योजना बनाएंगे। इसके बाद कर्मचंद भाटिया ने धरना खत्म किया। शहर में बुधवार को कुत्तों के काटने के चार मामले सामने आए।

वहीं दोपहर 3:00 बजे से शुरू हुए नगर निगम सदन में भी पार्षदों ने इस मामले पर हंगामा कर दिया। सदन शुरू होते ही कांग्रेस और भाजपा के कई पार्षद अपनी सीट पर खड़े हो गए और इस पर जवाब मांगने लगे। पार्षद कमलेश मेहता, निशा ठाकुर, विशाखा मोदी, आशा शर्मा, सिमी नंदा और वीरेंद्र ठाकुर ने पूछा कि कुत्तों के आतंक से कब राहत मिलेगी। मेयर सुरेंद्र चौहान और आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने कहा कि नियमों के अनुसार ही हम कार्रवाई कर सकते हैं। डॉक्टर की तैनाती का मामला सरकार के सामने उठाया है। कहा कि जब तक डॉक्टर नहीं मिल जाते तब तक किसी आउटसोर्स एजेंसी से यह काम करवा सकते हैं। कांग्रेस पार्षद नरेंद्र ठाकुर और मेयर के बीच इस मामले पर तीखी बहस भी हुई।

सदन ने पारित किया कि कुत्तों के हमले में लहूलुहान हो रहे लोगों को राहत के तौर पर मुआवजा देने की मांग सरकार से उठाई जाएगी। पकड़े जाने वाले हमलावर कुत्तों को दो की बजाय दस दिन बाद छोड़ा जाएगा। कुत्तों को पकड़ने के लिए आठ कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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