आदि बाजार: जनजातीय कला और संस्कृति का उत्सव

शिमला: जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में ट्राइफेड द्वारा आयोजित आदि बाजार का शुभारंभ आज गेयटी थियेटर, शिमला में हुआ। यह अनोखा आयोजन 10 जनवरी से 19 जनवरी 2025 तक चलेगा और भारत के जनजातीय कारीगरों की विविध और समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।

इस भव्य आयोजन का उद्घाटन हिमाचल प्रदेश के जनजातीय विभाग के माननीय गणमान्य व्यक्तियों, मुख्य प्रधान वन संरक्षक विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों द्वारा 11 जनवरी को सुबह 11.00 बजे किया जाएगा।

ट्राइफेड के क्षेत्रीय कार्यालय (उत्तर) के हिमांशु बहल (क्षेत्रीय प्रबंधक),  दीपक सिंह गुलिया ( वाणिज्यिक सहायक),  सुनिल चतुर्वेदी, मनीष, और उनकी समर्पित टीम ने इस आयोजन का समन्वय और संचालन किया है, ताकि देशभर के जनजातीय कारीगरों की रचनात्मकता और प्रतिभा को प्रदर्शित किया जा सके।

आदि बाजार 2025 की मुख्य विशेषताएं:

विविध जनजातीय शिल्पकला: देशभर से आए जनजातीय कारीगरों द्वारा वस्त्र, जैविक उत्पाद, और अनूठी जड़ी-बूटियों जैसे सी-बकथॉर्न बेरीज और पत्तियां, काला जीरा आदि का शानदार संग्रह प्रस्तुत किया जा रहा है।

हिमाचल प्रदेश पर विशेष ध्यान: इस आयोजन में हिमाचल प्रदेश की जीवंत और बारीक वस्त्रकला प्रदर्शित की गई है, जो क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती है।

कारीगरों के लिए मंच: आदि बाजार कारीगरों को जनता के साथ सीधे संवाद करने का एक मंच प्रदान करता है, जिससे उनकी कला को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान और प्रोत्साहन मिलता है।
यह आयोजन भारत सरकार की जनजातीय समुदाय के उत्थान और सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसमें उनकी सांस्कृतिक धरोहर और सतत आजीविका को बढ़ावा दिया जा रहा है।

हम सभी से आग्रह करते हैं कि गेयटी थियेटर, शिमला में आयोजित आदि बाजार में पधारें और जनजातीय भारत की अनूठी शिल्पकला, जैविक उत्पाद, और पारंपरिक जड़ी-बूटियों का अनुभव करें।

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