हमीरपुर : सर्दियों में कोहरे से फलदार पौधों के बचाव हेतु उद्यान विभाग ने जिला के बागवानों के लिए विशेष हिदायतें जारी की हैं। विभाग के उपनिदेशक राजेश्वर परमार ने बताया कि छोटे या बड़े सभी फलदार पौधों पर कोहरे का बहुत बुरा असर पड़ता है, जिससे बागवानों को आर्थिक नुक्सान उठाना पड़ सकता है।
उपनिदेशक ने बताया कि सर्दी के मौसम में कोहरे और कम तापमान की वजह से पौधों की कोशिकाएं पानी के जमाव से फट जाती हैं, जिससे पौधों की बढ़ोतरी तथा पैदावार पर प्रतिकूल असर पड़ता है। फल खराब हो जाते हैं और फूल झड़ने लगते हैं। जिला हमीरपुर में कोहरे से प्रभावित होने वाली मुख्य फलदार फसलें आम, लीची, पपीता, अमरूद तथा नींबू प्रजाति के पौधे हैं। ज्यादा कोहरा पड़ने से आम के पौधे सूख जाते हैं। बाकी फलदार पौधों में भी वृद्धि कम हो जाती है और आने वाले सीज़न में फूल कम आते हैं तथा पैदावार घट जाती है।
राजेश्वर परमार ने बताया कि तीन महीनों से बारिश न होने से सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं जिस कारण कोहरा पड़ने कि आशंका बढ़ गई है। इसको देखते हुए बागवान विशेष ऐहतियात बरतें।
कोहरे से प्रभावित क्षेत्रों के लिए उन्हीं फलदार पौधों का चयन करना चाहिए, जिनमें कोहरे के प्रति प्रतिरोधक क्षमता हो
उन्होंने बताया कि कोहरे से प्रभावित क्षेत्रों के लिए उन्हीं फलदार पौधों का चयन करना चाहिए, जिनमें कोहरे के प्रति प्रतिरोधक क्षमता हो। छोटे फलदार पौधों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। इन पौधों के ऊपर सरकंडा घास, सूखी मक्की के डंठल या टाट की बोरी की छत बनाकर ढक देना चाहिए। यह भी ध्यान रखें कि इनकी दक्षिण-पूर्व दिशा धूप एवं हवा के लिए खुली हो।
कोहरा पड़ने की आशंका की स्थिति में हल्की सिंचाई के साथ-साथ पौधों पर पानी का छिड़काव करना चाहिए
कोहरा पड़ने की आशंका की स्थिति में हल्की सिंचाई के साथ-साथ पौधों पर पानी का छिड़काव करना चाहिए ताकि बगीचों का तापमान 1-2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सके। शाम के समय सूखे अवशिष्ट, घास तथा सूखे पतों को जला कर धुआं पैदा करके भी बगीचे का तापमान बढ़ाया जा सकता है। फलदार पौधों की नर्सरियों मुख्यतः आम की नर्सरी को कोहरे से बचाने हेतु फल पौधशालाओं को नाइलोन की 50 प्रतिशत छाया वाली जाली से ढक देना चाहिए। फलदार पौधों में अनुमोदित मात्रा में पोटाश खाद देने से उनकी कोहरा सहने की क्षमता बढ़ती है।
उन्होंने बताया कि बड़े फलदार पौधों के तनों में वोर्डो मिक्सचर (एक किलो कॉपर सल्फेट, एक किलो अनबुझा चूना और 1-3 लीटर अलसी का तेल) या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का मिश्रण बनाकर जमीन से डेढ़-दो फीट ऊपर तक तनों पर लेप लगाना चाहिए। राजेश्वर परमार ने कहा कि फलदार पौधों की किसी भी समस्या के समाधान के लिए बागवानी विभाग के निकटतम कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।