कोरोना काल में भी भारतीय अर्थव्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की सराहना : अनुराग ठाकुर

महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए राज्य में अगले साल होगा सम्मेलन : अनुराग ठाकुर

शिमला : हिमाचल प्रदेश हमीरपुर से सांसद और बीजेवाईएम के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर राज्य में बालिकाओं और महिलाओं में उनके स्वास्थ्य और अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से अगले साल राज्य में एक सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। यह सम्मेलन समाज में मौजूद समस्याओं के बारे में बालिकाओं और महिलाओं को जानकारी देने व केंद्र सरकार द्वारा इससे जुड़ी चुनौतियों से पार पाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में बताने के उद्देश्य से आयोजित किया जाएगा।

इस घोषणा के अवसर पर अनुराग ठाकुर ने कहा हमारे समाज में बालिकाएं और महिलाएं सामाजिक, स्वास्थ्य, शिक्षा, समानता के अधिकार आदि के मामले में अपनी जिंदगी में कई चुनौतियां का सामना करती हैं। हालांकि हर किसी को यह स्वीकार करना चाहिए कि महिलाएं अपनी हर भूमिका में गतिशील और खास होती हैं। वर्तमान में ऐसी कई समस्याएं हैं जो समाज में महिलाओं के विकास को बाधित करती हैं। ऐसे में हमारे समाज की हर बालिका और महिलाओं की ताकत को फिर से दोहराना और स्वस्थ जीवन में मदद करना औचित्यपूर्ण है। इसलिए अगले साल राज्य में एक सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें दुनिया भर के अग्रणी नेता, शख्सियत और बदलाव के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे और अपने अनुभवों को साझा करेंगे। इससे महिलाओं की आजीविका को बचाने के क्रम में हमारे समाज में मौजूद समस्याओं से पार पाने में मदद मिलेगी।

क्या कहते हैं आकंड़े

  • 2013 में लगभग 17 फीसदी (50,000) मातृ-संबंधी मृत्यु के मामले भारत में हुए थे
  • 2015 में भारत में 45,000 से ज्यादा मातृ संबंधी मृत्यु के मामले हुए थे।
  • भारत का मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) प्रति 1 लाख नवजातों के जन्म पर 174 है।
  • 2014 तक बालिका बच्चों की तुलना में 4 प्रतिशत ज्यादा बालक बच्चे पूरी तरह रक्षित (टीकाकरण) थे।
  • 2014 में लगभग सभी राज्यों के 303 जिलों में 1-59 महीनों के आयु वर्ग में बालिका मृत्यु दर पुरुष बच्चों की तुलना में 25 फीसदी ज्यादा थी, इस प्रकार 74,000 ज्यादा बालिकाओं की मृत्यु हुई थी।

हालांकि, सकारात्मक संकेत ये हैं कि केंद्र सरकार ने इन समस्याओं को दूर करने के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार के प्रयासों से मातृ मृत्यु दर 560 से घटकर 140 पर आ गई है। मलेरिया और एचआईवी नहीं बढ़ा है; इसकी बढ़ोत्तरी पर रोक लगी है और अब इसमें कमी देखने को मिल रही है। मलेरिया उन्मूलन का फ्रेमवर्क लॉन्च कर दिया गया है, कम्युनिकेबल डिसीज के लिए नोटिफिकेशन और उनके उन्मूलन के लिए गाइडलाइंस राज्यों को जारी कर दी गई हैं। जागरूकता फैलाने के लिए मलेरिया रोधी दिवस का आयोजन किया जा रहा है। विशेषकर पूर्वोत्तर राज्यों में मच्छरों पर रोक लगाने के लिए मेडिकेटेड नेट्स बांटे जा रहे हैं। बीते दो साल के दौरान 4 करोड़ माताओं को एमसीटीएस (मदर एंड चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम) से जोड़ दिया गया है, जिसके अंतर्गत गर्भधारण से पहले और बाद में जरूरी देखरेख और टीकाकरण के संबंध में नियमित रूप से एसएमएस भेजे जा रहे हैं। किलकारी कार्यक्रम के अंतर्गत ये एसएमएस 12-13 भाषाओं में भेजे जाते हैं। ई-ब्लड बैंकिंग, टेली-मेडिसिन पोर्टल भी लॉन्च किया गया है।

अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने देश भर में बालिकाओं और महिलाओं के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की कई पहल की हैं। हालांकि दशकों से मौजूद समस्याओं को एक दिन में दूर नहीं किया जा सकता। इसके लिए ठोस प्रयासों की जरूरत है। इसलिए इस सम्मेलन का उद्देश्य इस क्षेत्र में काम कर रहे सभी लीडर्स को एक मंच पर लाना होगा, जिससे मुश्किलों का हल निकालने के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार किया जा सके। अनुराग ठाकुर ने हाल में चौथी वूमेन ड्राइवर ग्लोबल कांफ्रेंस में हिस्सा लिया था, जिसमें बालिकाओं और महिलाओं के स्वास्थ्य और अधिकारों पर ध्यान केंद्रित किया गया था। बदलाव के प्रेरक के तौर पर ठाकुर ने राज्य की महिलाओं और बालिकाओं की जिंदगी में सुधार के क्रम में इस सम्मेलन के आयोजन का वादा किया है।

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