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एसजेवीएन दिव्यांगों की सहायता के लिए करीब एक करोड़ रुपए करेगा खर्च

  • एसजेवीएन दिव्यांग लोगों को कृत्रिम अंगों सहित देगा अन्य सहायता
  • दिव्यांग व्‍यक्तियों को सहायता एवं सहायक उपकरण उपलब्‍ध कराने के लिए एसजेवीएन फाऊंडेशन ने अलिमको के साथ किए समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर
  • एमओयू के अनुसार एसजेवीएन के परियोजना क्षेत्रों में कृत्रि‍म अंगों, सहायता तथा तिपहिया साईकिलों, व्‍हील चेयरों, श्रवण यंत्रों, बैसाखियों, स्‍मार्ट केनस्, ब्रेल किट्स, कृत्रि‍म अंगों आदि जैसे सहायक उपकरणों के वितरण के लिए अलिमको करेगा शिविरों का आयोजन
  • अलिमको (ALIMCO) एक मिनी रत्‍न सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम
  • लगभग 250 से 300 व्‍यक्तियों के सुविधार्थ एक शिविर की व्‍यवस्‍था पर लगभग 25 से 30 लाख रुपए का होगा अनुमानित खर्च
  • एसजेवीएन ने स्‍वाथ्‍य, शिक्षा, कौशल विकास, ढांचागत विकास, सामुदायिक विकास आदि के क्षेत्र में की अनेक सीएसआर पहल
  • एसजेवीएन मांसपेशीय दुर्विकार से पीड़ित रोगियों की सहायता के लिए आया आगे

शिमला: दिव्यांग व्‍यक्तियों (पीडब्‍ल्‍यूडी) को सहायता एवं सहायक उपकरण उपलब्‍ध कराने के लिए एसजेवीएन फाऊंडेशन तथा

एसजेवीएन दिव्यांग लोगों को कृत्रिम अंगों सहित देगा अन्य सहायता

एसजेवीएन दिव्यांग लोगों को कृत्रिम अंगों सहित देगा अन्य सहायता

अलिमको (ALIMCO) (आर्टिफिशियल लिम्‍बस मैनुफैक्‍चरिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किए गए।

एमओयू के अनुसार एसजेवीएन के परियोजना क्षेत्रों में कृत्रि‍म अंगों, सहायता तथा तिपाहिया साईकिलों, व्‍हील चेयरों, श्रवण यंत्रों, बैसाखियों, स्‍मार्ट केनस्, ब्रेल किट्स, कृत्रि‍म अंगों आदि जैसे सहायक उपकरणों के वितरण के लिए अलिमको (ALIMCO) चार शिविरों का आयोजन करेगा। लगभग 250 से 300 व्‍यक्तियों के सुविधार्थ एक शिविर की व्‍यवस्‍था पर लगभग 25 से 30 लाख रुपए का अनुमानित खर्च होगा। इस प्रकार इस एमओयू के तहत एसजेवीएन दिव्यांग व्‍यक्ति‍यों की जरूरतें पूरी करने के लिए लगभग एक करोड़ रुपए खर्च करेगा।

अलिमको (ALIMCO) एक मिनी रत्‍न सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है, जिसका मकसद लाभ कमाना नहीं है। यह सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के विकलांगता मामलों के विभाग के तहत एकमात्र उत्‍पादक कंपनी है। यह पिछले 40 वर्षों से बड़े पैमाने पर विभिन्‍न प्रकार के किफायती आईएसआई मार्क के सहायता एवं सहायक उपकरणों के निर्माण एवं वितरण हेतु कार्य कर रहा है।

एसजेवीएन ने स्‍वाथ्‍य, शिक्षा, कौशल विकास, ढांचागत विकास, सामुदायिक विकास आदि के क्षेत्र में अनेक सीएसआर पहल की हैं। एसजेवीएन मांसपेशीय दुर्विकार से पीडि़त रोगियों की सहायता के लिए आगे आया है और इंडियन एसोसिएशन ऑफ मस्‍कूलर डिस्‍ट्रॉफी को सोलन में एकीकृत मांसपेशीय दुर्विकार संस्‍थान के निर्माण हेतु सहायता प्रदान कर रहा है। एसजेवीएन हैल्‍पेज इंडिया के साथ सतलुज संजीवनी सेवा के तहत हिमाचल प्रदेश, उत्‍तराखण्‍ड, बिहार तथा महाराष्‍ट्र राज्‍यों में परियोजना क्षेत्रों के आस-पास के स्‍थानीय समुदायों को 12 मोबाईल स्‍वास्‍थ्‍य इकाईयों के माध्‍यम से निःशुल्‍क स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल की सुविधा उपलब्‍ध करा रहा है।

एसजेवीएन द्वारा सीएसआर के क्षेत्र में किए गए अग्रणी कार्य उसकी दीर्घगामी सततशीलता को दर्शाते हैं तथा एसजेवीएन की अबाध प्रतिबद्धता को प्रतिबिम्बित करते हैं। सीएसआर कार्यक्रमों का क्रियान्‍वयन इस प्रकार किया जा रहा है कि विधिपरकता, नैतिक मानकों तथा अंतर्राष्‍ट्रीय मानदंडों के साथ उसका सक्रिय अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।

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