हिमाचल: शिक्षा मंत्री बोले- मेधावी विद्यार्थियों को एक्सपोजर विजिट के लिए भेजा जाएगा विदेश

10वीं और 12वीं के मेधावी विद्यार्थियों को एक्सपोजर विजिट के लिए तय होंगे मानकः रोहित ठाकुर

विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए दृढ़ समर्पित शिक्षक ही एक्सपोजर विजिट पर भेजे जाएंगे

शिमला: शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने मंगलवार देर सायं यहां शिक्षा विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों के साथ विभिन्न विषयों पर मंथन किया।

बैठक में शिक्षा सचिव राकेश कंवर, अतिरिक्त शिक्षा सचिव निशांत ठाकुर, संयुक्त शिक्षा सचिव सुनील वर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली, प्रारंभिक शिक्षा अतिरिक्त निदेशक, बी. आर. शर्मा समग्र शिक्षा राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड की मेरिट में आए दसवीं और बारहवीं के मेधावी विद्यार्थियों को देश और विदेश में एक्सपोजर विजिट पर भेजने के लिए मानक तय किए जाएंगे। इनमें 20-20 विद्यार्थी दसवीं और बारहवीं व अन्य 10 विद्यार्थी खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों, एनसीसी, एनएसएस और भारत स्काउट् एंड गाइड से भेजने की सिफारिश की गई है। इस पर अंतिम फैसला शीघ्र लिया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिए कि विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए दृढ़ समर्पित शिक्षक ही एक्सपोजर विजिट पर भेजे जाएं।
सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए असम, छत्तीसगढ़ और गुजरात द्वारा अपनाए गए मॉडल पर भी मंथन हुआ। बैठक में समग्र शिक्षा की ओर से तीसरी, छठी और नौंवी कक्षा के विद्यार्थियों के राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (नेशनल अचीवमेंट सर्वे) में प्रदर्शन को लेकर प्रस्तुति भी दी गई। इसमें हाल ही में एक लाख 61 हजार विद्यार्थियों की कृत्रिम मेधा आधारित परीक्षा ली गई। 13 हजार विद्यालयों में इस परीक्षा का आयोजन किया गया। इस परीक्षा से विषयवार विद्यार्थियों की प्रगति रिपोर्ट मिली।
शिक्षा मंत्री ने इस पर संतोष जताते हुए भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए। शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण एक ऐसा पैमाना है जिसके जरिए विद्यार्थियों के सीखने की उपलब्धियों को लेकर जानकारी प्राप्त की जा सकती है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि नवम्बर में ली जाने वाली राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण की परीक्षा को चुनौती के तौर पर लिया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के सभी विंग मिलकर और समन्वय से कार्य करें ताकि विभाग द्वारा उठाए जा रहे सुधारात्मक कदमों के सार्थक परिणाम आएं।
प्रस्तुति के दौरान अवगत करवाया गया कि प्रदेश के 11 हजार विद्यालयों के शिक्षक ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं और आगामी एक माह में सभी 15 हजार विद्यालय इस मुहिम में कवर कर लिए जाएंगे। सभी विद्यार्थियों की भी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की जाएगी। बैठक में कॉलेजों के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को शिक्षक पुरस्कार दिए जाने को लेकर मानक तय करने और अधिकतम छात्र संख्या वाले कॉलेजों और विद्यालयों में नए विषय शुरू करने को लेकर भी चर्चा हुई।
स्कूलों में अध्यापकों और कर्मचारियों के युक्तिकरण को लेकर भी अधिकारियों ने सुझाव दिए। इसके अतिरिक्त विद्यालयों में चपरासी-कम-चौकीदार तथा मल्टीटास्क वर्कर की भर्ती को लेकर भी मंथन हुआ।
विद्यालयों में वार्षिक समारोह 30 नबंवर से पहले और महाविद्यालयों में वार्षिक समारोह 20 फरवरी तक आयोजित किए जाने को लेकर भी चर्चा की गई। वहीं शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन विद्यालयों में छुट्टियों को लेकर अधिकारियों ने सुझाव दिए। किराये पर लिए महाविद्यालयों के भवनों को मर्ज विद्यालयों के खाली हुए भवनों में स्थानांतरित करने पर भी सहमति बनी।
शिक्षा मंत्री ने कई वर्षों से बाहरी राज्यों में डेपुटेशन पर गए शिक्षकों, अधिकारियों का रिकॉर्ड भी तलब किया है। ऐसे शिक्षकों, अधिकारियों को नोटिस जारी किए जाएंगे और इन्हें जल्द से जल्द हिमाचल प्रदेश में अन्यों स्थानों पर तैनाती दी जाएगी।

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