आत्मनिर्भर भारत पैकेज से कृषि संबद्ध क्षेत्र को मिली नई गति : अनुराग

वीरभद्र की सरकार ने विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खेला है : अनुराग ठाकुर

शिमला: हिमाचल प्रदेशरू अनुराग ठाकुर, हमीरपूर के सांसद और बीजेवाईएम के अध्यक्ष ने स्नातकपूर्व पाठ्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (आरयूएसए) के गलत कार्यान्वयन के लिए वीरभद्र सरकार को दोषी ठहराया। अनुराग ने कहा, ’’हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी (एचपीयू) द्वारा आरयूएसए को जल्दबाज़ी में शुरु किया गया ताकि राज्य सरकार, केन्द्र सरकार से 100 करोड़ की अतिरिक्त वार्षिक राशि प्राप्त कर सके। अपनी लालच के चलते वीरभद्र सरकार ने अपने विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। आज ये विद्यार्थी दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़ और अन्य राज्यों के विश्वविद्यालयों में स्नातकोर पाठ्यक्रम के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि उनकी आरयूएसए डिग्रियों को मान्यता नहीं दी जा रही है।’’

देश के अनेक विश्वविद्यालय स्नातकोर पाठ्यक्रम के लिए हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी (एचपीयू) की आरयूएसए डिग्री को मान्यता नहीं दे रहे हैं और 2016 में स्नातक करने वाले विद्यार्थियों तथा आरयूएसए प्रणाली में पंजीकृत हुए सभी वर्तमान विद्यार्थी जो आने वाले वर्षों में स्नातक करेंगे, का भविष्य अधर में लटका हुआ है।

ठाकुर ने रोष व्यक्त करते हुए आगे कहा, ’’मामले को और बदतर बनाते हुए यूनिवर्सिटी फीस बढ़ाने और अपने स्नातकोर पाठ्यक्रम के लिए भी आरयूएसए प्रणाली शुरु करने में लगा हुआ है। परिणामों में देरी करने, कुछ मामले में तो 3 वर्षों तक की देरी करने का कोई औचित्य नहीं दिया गया है। अब हालत यह है कि यदि तीसरे वर्ष का स्नातक यदि यह जानना चाहे कि उसने पहले वर्ष का पाठ्यक्रम पूरा किया है या नहीं, तो उसे वापस जाना होगा और इन पाठ्यक्रमों को दोबारा पूरा करने के लिए अतिरिक्त वर्षों तक प्रतीक्षा करनी होगी! वीरभद्र सरकार को इसका जवाब देना होगा कि जल्दबाजी में कार्यान्वयन करने की ऐसी क्या वजह थी? 100 करोड़ के वार्षिक अनुदान की ऐसी कौन सी अत्यावश्यकता आ गई थी? क्या विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना ज़रूरी था?’’

ठाकुर कल संसद में भी इस मामले को उठाने वाले हैं। उन्होंने एचआरडी मंत्रालय से अनुरोध किया है कि आरयूएसए के कार्यान्वयन, परिणामों में देरी और एचपीयू द्वारा फीस बढ़ाने के मामले में तुरंत हस्तक्षेप करे। इसके अलावा, चूँकि आरयूएसए के स्नातक पूर्व विद्यार्थियों की पहले बैच का शैक्षणिक सत्र समाप्त होने को है, वे एचआरडी मंत्रालय के साथ बाचतीत कर कोशिश कर रहे हैं कि दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़ और अन्य विश्वविद्यालयों को तुरंत दिशा निर्देश जारी किए जा सकें ताकि जब तक मामले को सुलझ्ााया नही जाता, एचपीयू के विद्यार्थियों को प्रवेश मिल सके।

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