प्रदेश में सीमेंट के लगातार बढ़ रहे दामों पर भाजपा ने सरकार को घेरा

शिमला: भाजपा प्रदेश सचिव व मीडिया प्रमुख प्रवीण कुमार शर्मा ने प्रदेश में सीमेंट के लगातार बढ़ रहे दामों पर सरकार को घेरते हुए कहा कि यह सम्भव नहीं है कि सरकार के संरक्षण के बीना सीमेंट कम्पनियां मनमाने ढंग से सीमेंट के दामों में बढ़ौतरी कर दे। इस सारे मामले में आश्चर्यजनक पहलू यह है कि पंजाब और हरियाणा जैसे प्रदेश जहां सीमेंट के उत्पादन के लिए कच्चा माल हिमाचल से जाता है, वहां प्रति बोरी सीमेंट की कीमत 300 रू0 से कम हैं, वहीं हिमाचल में सीमेंट का उत्पादन होने के बावजूद सीमेंट लगभग 350 रू. प्रति बोरी उपलब्ध है। एक तरफ तो सीमेंट कम्पनियां प्रदेश के संसाधनों का शोषण कर रही है, वहीं जनता को मनमानी कीमतों पर सीमेंट बेचकर दोनों हाथों से मुनाफा कमा रही है।

भाजपा सचिव ने कहा कि विधान सभा चुनावों से पूर्व वर्तमान उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सीमेंट के दाम 275 रू. होने पर भाजपा सरकार व नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे और प्रदेश की जनता से वायदा किया था कि कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने पर सीमेंट कम्पनियों पर दबाव बनाकर सीमेंट के दाम कम किए जाएंगे। कांग्रेस को सत्ता में आए हुए तीन वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है और इस दौरान सीमेंट के दाम 90 रू. से अधिक बढ़ गए हैं। अब आखिरकार क्यों उद्योग मंत्री ने चुप्पी साध ली है ? उद्योग मंत्री यह बताएं कि सीमेंट कम्पनियों के साथ उनकी क्या सांठ गांठ है ? आखिरकार कैसे सीमेंट कम्पनियां लगातार कीमतों में वृद्धि कर रही है जबकि इस बात की पुख्ता सूचना है कि विद्युत उपलब्ध करवाने में भी सीमेंट कम्पनियों को अवांछित लाभ प्रदान किए गए हैं। भाजपा मीडिया प्रमुख ने कहा कि केवल सीमेंट में ही नहीं बल्कि रेत, बजरी की सप्लाई में भी अवैध खनन को राजनैतिक संरक्षण के चलते प्रदेशभर में उपरोक्त वस्तुओं की कीमतों में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हो गई है। वर्ष 2012 तक रेत की ट्रॉली 1000-1200 में उपलब्ध थी, अब यह 3000-3500 रू. में भी मुश्किल से मिल रही है, जबकि इस दौरान पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में काफी कमी हुई हैं

भाजपा सचिव ने कहा कि इन तीन वर्षों में सत्ताधारियों का स्वयं भ्रष्टाचार में संलिप्त होने की वजह से आम आदमी को अपना आशियाना बनाना मुश्किल हो गया है। गरीबों के नाम पर राजनीति करने वाली कांग्रेस सत्ता में होने पर दोनों हाथों से गरीबों को ही लुटती है।

 

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