हमीरपुर नप अध्यक्ष मनोज, पार्षद राजकुमार ने थामा कांग्रेस का दामन

-भाजपा को हमीरपुर में बड़ा झटका, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कार्यों से हुए प्रभावित

-कांग्रेस के बिकाऊ विधायकों को भाजपा टिकट देने से हुए आहत

नादौन: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की नीतियों में आस्था जताते हुए वीरवार को हमीरपुर नगर परिषद के अध्यक्ष मनोज मिन्हास ने पत्नी निशा मिन्हास व वार्ड नंबर-2 से पार्षद राजकुमार के साथ कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया। कांग्रेस के बिकाऊ विधायकों को भाजपा के टिकट देने से मनोज आहत हैं। मनोज व राजकुमार के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी को हमीरपुर में बड़ा झटका लगा है। 

मुख्यमंत्री ने मनोज मिन्हास, निशा मिन्हास व राजकुमार को सेरा रेस्ट हाउस में पटका पहनाकर कांग्रेस में शामिल करवाया। मनोज ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के 15 महीने के कार्यकाल को सराहनीय बताया है। उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने के बाद कहा कि सरकार जनहित में काम कर रही है। कांग्रेस के छह बिकाऊ विधायक जनता का नहीं, निजी विकास चाहते थे। उन्होंने प्रदेश के विकास को सर्वोपरि नहीं माना। जनता ने उन्हें पांच साल के लिए चुनकर भेजा था, लेकिन वह 14 महीनों में ही लोगों से दगा कर गए। उपचुनाव से करोड़ों रुपये का अतिरिक्त बोझ जनता पर पड़ेगा।  मनोज ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हमीरपुर शहर के विकास को गति देंगे। वर्षों से रुके कामों को तेज गति से सिरे चढ़ाया जाएगा। 

मुख्यंमत्री ने कहा कि हमीरपुर शहर के विकास को मुख्य प्राथमिकता दें। शहर का स्वरूप बदलने के लिए कार्य करें। प्रदेश सरकार ने शहर के सौंदर्यीकरण व बिजली की तारों को भूमिगत करने के लिए करोड़ों रुपये का बजट जारी किया है, उसका पूरा सदुपयोग करें। शहर के लोगों को कांग्रेस सरकार के कार्यों से अवगत करवाएं। हमीरपुर जिला में विकास के नए आयाम स्थापित करने के लिए दिन-रात कार्य किया जाएगा। 

इस दौरान कांग्रेस के पूर्व उम्मीदवार डॉ. पुष्पिंदर वर्मा, पंकज मिन्हास, विवेक कटोच, सुतीक्ष्ण वर्मा और विकास लट्ठ मौजूद रहे। 

नप अध्यक्ष ने बीते दिनों किया था यह पोस्ट

भाजपा में पुराने कार्यकर्ताओं को नजरंदाज करने और इसका बंदा, उसका बंदा का टैग लगाने से, दोगलों को अहमियत देने से आहत होकर कार्यकर्ता दूसरे दल में शामिल हो रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण हमारे बचपन के मित्र गिरधारी लाल वर्मा हैं। इन्होंने पुष्पिंदर वर्मा की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली। सुनने में आया है कि इन्होंने किसी भी पद को लेने की शर्त नहीं रखी है। ये केवल चमचों, चापलूसों और झूठे लोगों से दुखी थे।

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