एसजेवीएन ने आरयूवीआईटीएल के साथ 500 मेगावाट पीयूए और 100 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए पीपीए पर किए हस्‍ताक्षर 

शिमला : एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल), एसजेवीएन की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की गरिमामयी उपस्थिति में आज जयपुर में राजस्थान ऊर्जा विकास एवं आईटी सर्विसेज लिमिटेड (आरयूवीआईटीएल) के साथ 500 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए एक विद्युत उपयोग करार (पीयूए) और 100 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए एक विद्युत खरीद करार (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर,  दीया कुमारी, उपमुख्यमंत्री, राजस्थान, हीरालाल नागर, विद्युत मंत्री, राजस्थान, अमृत लाल मीणा, सचिव (कोयला), भारत सरकार,  सुभाष पंत,  मुख्य सचिव, राजस्थान,  आलोक, एसीएस पावर, राजस्थान और एसजेवीएन के निदेशक (परियोजनाएं), सुशील कुमार शर्मा भी उपस्थित रहे।

 एसजेवीएन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक गीता कपूर ने बताया कि एसजेवीएन ने अपने नवीकरणीय निकाय, एसजीईएल के माध्यम से राजस्थान ऊर्जा विकास एवं आईटी सर्विसेज लिमिटेड (आरयूवीआईटीएल) के साथ संचयी 600 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए 25 वर्षों के लिए दीर्घकालिक विद्युत उपयोग करार और विद्युत खरीद करार (पीयूए/पीपीए) किया है। एसजेवीएन ने बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना से 500 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए आरयूवीआईटीएल के साथ एक विद्युत उपयोग करार पर हस्ताक्षर किए हैं और राजस्थान सौर ऊर्जा परियोजना से 100 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए आरयूवीआईटीएल के साथ एक विद्युत खरीद करार (पीपीए) पर भी हस्ताक्षर किए हैं

    गीता कपूर ने बताया कि सीपीएसयू योजना के फेस-II (ट्रेंच-3) के अंतर्गत एसजीईएल द्वारा विकसित की जा रही 1000 मेगावाट बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना से 2.57 रुपए प्रति यूनिट के टैरिफ पर 500 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति के लिए विद्युत उपयोग करार पर हस्ताक्षर किए गए थे।  यह परियोजना देश की सबसे बड़ी एकल स्थान परियोजना है, जिसे ग्राम बंदरवाला, बीकानेर, राजस्थान में विकसित किया जा रहा है।  1000 मेगावाट सौर परियोजना से प्रथम वर्ष में 2454.84 मिलियन यूनिट विद्युत उत्‍पादन होने की संभावना है और 25 वर्षों की अवधि में संचयी ऊर्जा उत्पादन लगभग 56,474 मिलियन यूनिट होगा।  यह परियोजना 5,491 करोड़ रुपए की लागत से विकसित की जा रही है और 30 सितंबर,2024 तक कमीशन होने की संभावना है।  इस परियोजना की कमीशनिंग से 27,67,219 टन कार्बन उत्सर्जन कम होने की संभावना है। इस पीयूए पर हस्ताक्षर के साथ, एसजीईएल ने इस परियोजना के लिए पूरे 1000 मेगावाट का टाई-अप हासिल कर लिया है।  इस परियोजना के अन्य दो लाभार्थी यूपीपीसीएल (200 मेगावाट) और जेकेपीसीएल (300 मेगावाट) हैं।

प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से एसजीईएल द्वारा हासिल परियोजना से 2.62 रुपए प्रति यूनिट के टैरिफ पर 100 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए विद्युत खरीद करार पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके लिए 06 अक्‍तूबर, 2023 को आरयूवीआईटीएल द्वारा एलओए जारी किया गया था। यह परियोजना राजस्थान के नावा में सांभर साल्ट्स लिमिटेड की 387.56 एकड़ भूमि पर विकसित की जाएगी, जो एसजीईएल के पक्ष में 28 वर्षों के लिए पट्टे पर दी गई है।  यह परियोजना लगभग 550 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत पर बिल्ड ओन एंड ऑपरेट (बीओओ) के आधार पर विकसित की जाएगी।  इस परियोजना से प्रथम वर्ष में 252 मिलियन यूनिट ऊर्जा उत्‍पादन होने की संभावना है और 25 वर्षों की अवधि में संचयी ऊर्जा उत्पादन लगभग 5866 मिलियन यूनिट होगा।  इस परियोजना की कमीशनिंग से 287434 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी होने की संभावना है।

विद्युत मंत्रालय के अधीन अग्रणी सीपीएसयू एसजेवीएन वर्ष 2030 तक 25,000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50,000 मेगावाट के अपने साझा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तीव्रता से प्रगति पर है। यह साझा विजन वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा संसाधनों से 50% ऊर्जा उत्‍पादन करने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप तैयार किया गया है।

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