शिमला: उद्योग विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि हिमाचल प्रदेश में केन्द्रीय पूंजी निवेश उपदान योजना-2013 (सीसीआईएसएस) कार्यान्वित की जा रही हैं और यह योजना सभी नई औद्योगिक इकाइयों तथा चिन्हित स्थानों पर स्थापित औद्योगिक इकाइयों के समुचित विस्तार (न्यूनतम 25 प्रतिशत) के लिये लागू है।
उन्होंने कहा कि योजना के अन्तर्गत पूंजी निवेश उपदान इकाई तथा मशीनरी पर निवेश की कुल कीमत के 15 प्रतिशत पर उपलब्ध है और यह प्रदेश में स्थापित इको-टूरिजम इकाइयों सहित मुख्य उद्योगों को उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों के लिए सीमा 50 लाख रुपये तथा बड़े उद्योगों के लिए सीमा 30 लाख रुपये है। उन्होंने कहा कि यह सुविधा नाकारात्मक सूची में शामिल उद्योगों को उपलब्ध नहीं है।
प्रवक्ता ने कहा कि योजना का लाभ उठाने के लिए औद्योगिक इकाइयों को सम्बन्धित जिला औद्योगिक केन्द्रों के साथ अपना पंजीकरण अवश्य करवाना होगा। उन्होंने कहा कि नई इकाइयों के लिए पंजीकरण व्यावसायिक उत्पादन/ऑपरेशन आरम्भ करने की तिथि से पूर्व तथा स्थापित इकाइयों के लिए पंजीकरण समुचित विस्तार से पूर्व होगा।
उन्होंने कहा कि योजना के तहत नई इको-टूरिजम इकाइयां भी सम्बन्धित जिला उद्योग केन्द्रों के साथ पंजीकरण करवा सकती हैं। यह पंजीकरण निर्माण कार्य शुरू होने से पूर्व अन्य आवश्यक स्वीकृतियां लेते समय किया जाएगा।पूजी निवेश उपदान योजना के तहत इको-टूरिजम इकाइयों को प्लांट और मशीनरी तथा भवन के लिये भी पंूजी निवेश पर 15 प्रतिशत की दर से उपदान प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि दावे निर्धारित प्रपत्र पर व्यावसायिक उत्पादन/ऑपरेशन आरम्भ होने की तिथि से एक वर्ष के भीतर सम्बन्धित जिला उद्योग केन्द्र को प्रस्तुत करने होंगे। इकाई तथा मशीनरी/परियोजना की लागत के संदर्भ में सभी प्रकार के लेन-देन अकाउंट पेई चैक अथवा डिमांड ड्राफ्ट या बैंक लेन-देन के माध्यम से ही किए जाने चाहिए। अधिक जानकारी के लिए उद्यमी जिला उद्योग केन्द्रों अथवा उद्योग विभाग की वैबसाईट www.himachal.nic.in पर सम्पर्क कर सकते हैं।