जिला में विभिन्न जगहों पर आईटीएमएस स्थापित करना जरूरी: डीसी

बोले, रोड सेफ्टी के लिए उठाए जाएंगे आवश्यक कदम

दुर्घटना संभावित जगहों पर साइन बोर्ड लगाने के दिए निर्देश

धर्मशाला:  उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि कांगड़ा जिला में विभिन्न जगहों पर इंटेलिजेंस ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम विकसित करने पर विशेष फोक्स किया जाएगा ताकि सड़क से गुजरने वाले वाहनों की पूरी निगरानी की जा सके और अवेहलना करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई अमल में लाई जा सके। बुधवार को डीसी कार्यालय सभागार में जिला स्तरीय रोड सेफ्टी कमेटी की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि एमर्सजेंसी हेल्थ केयर यूनिट भी जिला में विभिन्न स्थानों पर स्थापित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं ताकि हादसों में घायल होने वालों को तुरंत उपचार की सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि जिला में सड़क सुरक्षा के नियमों का सख्ती से पालन किया जाए ताकि प्रतिदिन जिला में होने वाली दुर्घटनाओं को और कम किया जा सके।

उन्होंने संबन्धित विभागों से युवा पीढ़ी को सड़क सुरक्षा तथा नशे की बुराईयों के बारे में जागरूक करने हेतु विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में विशेष जागरूकता अभियान चलाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष सड़क हादसों के कारण जिला में कई लोग जान गंवाते हैं जिनमें 18 से 45 वर्ष आयुवर्ग के ज्यादा लोग सड़क हादसों के शिकार होते हैं।

उन्होंने कहा कि सड़क हादसों को रोकने के लिए जागरूकता जरूरी है इस के लिए नियमित तौर पर चालकों के आंखों के चेकअप कैंप, ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था के साथ साथ युवक मंडलों को यातायात नियमों की जानकारी देना जरूरी है इस के लिए नियमित तौर पर शिविर आयोजित किए जाएं।

दिशा निर्देशों की अनुपालना करवाएं सुनिश्चित

उपायुक्त ने बताया कि स्कूल के बच्चों को ले जाने वाली बसों के लिए जरूरी दिशा-निर्देशों का पालन करना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विद्यालय-कॉलेज के लिए उपयोग में लायी जाने वाली किसी भी बस में निर्धारित सीटों से अधिक संख्या में बच्चे नही बिठाए जाना, अनिवार्य रूप से फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था, प्रत्येक बस में ‘अग्नि शमन यंत्र’ की व्यवस्था होना जरुरी है।

उन्होंने कहा कि बस पर स्कूल का नाम और टेलीफोन नम्बर, बच्चों को लाते-ले जाते समय एस्कॉर्ट के रूप में बस में एक व्यक्ति हो और यदि बस में छात्राएं हों तो महिला शिक्षिका की उपस्थिति हो। इसके साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से बच्चों के माता-पिता या स्कूल के शिक्षक को भी बस मे यात्रा कर सुरक्षा मापदंडो को जांचना चाहिए और साथ ही वाहन चालक को भारी वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिए। इसके अतिरिक्त भी बच्चों की सुरक्षा से जुड़े सभी मानकों का पूरा पालन होना चाहिए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वाहनों की नियमित निरीक्षण के लिए विशेष अभियान चलाएं।

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