चिकित्सा अधिकारियों की मांगों और शिकायतों के निवारण के लिए समिति गठित: मुख्यमंत्री

चिकित्सकों के कार्य को बेहतर बनाने के लिए आठ घंटे की शिफ्ट शुरू करने पर कार्य किया जा रहा है

शिमला: विशेष सचिव (स्वास्थ्य) की अध्यक्षता में चिकित्सा अधिकारियों की शिकायतों और मांगों पर विचार करने के लिए एक समिति गठित करने के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां निर्देश दिए।

बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी, विशेष सचिव स्वास्थ्य नीरज कुमार और डॉ. अश्विनी कुमार शर्मा, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. गोपाल बेरी और चिकित्सा अधिकारी संघ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

इस समिति में निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, निदेशक चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा अधिकारी संघ के प्रतिनिधि शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समिति चिकित्सकों की पदोन्नति से सम्बंधित विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करेगी और चिकित्सा अधिकारियों के कल्याण के लिए दिशा-निर्देशों की सिफारिश करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकट वित्तीय स्थिति के बावजूद प्रदेश सरकार चिकित्सकों की उचित मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रही है। सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप राज्य की अर्थव्यवस्था अब धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य के कर्मचारियों को समय पर सभी आर्थिक लाभ सुनिश्चित किए जाएंगे। उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों का आह्वान किया कि राज्य की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में वे प्रदेश सरकार को यथासम्भव सहयोग प्रदान करें।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए राज्य सरकार नए चिकित्सा अधिकारियों और सहायक स्टाफ की भर्ती कर रही है। इसके अतिरिक्त चिकित्सकों के कार्य को बेहतर बनाने के लिए आठ घंटे की शिफ्ट शुरू करने पर कार्य किया जा रहा है। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में नवीनतम तकनीक और उनके कौशल उन्नयन के लिए चिकित्सकों के लिए विदेशों के एक्सपोजर दौरे भी आयोजित करवाए जाएंगे। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को चिकित्सकों की कार्यप्रणाली को सुव्यवस्थित करने के लिए अधिकारियों के डाटा को डिजिटल बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि लोगों को विशेषज्ञ स्वास्थ्य सुविधाएं घर के समीप उपलब्ध करवाने के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में आदर्श स्वास्थ्य संस्थान स्थापित कर, प्रत्येक संस्थान में 6-6 विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात किए जा रहे हैं।

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