हिमाचल: मुख्यमंत्री ने दिए सौर ऊर्जा स्थापित करने की योजना की रूपरेखा तैयार करने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने की ऊर्जा विभाग की बैठक की अध्यक्षता
शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ आज यहां आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता की और प्रदेश में सौर ऊर्जा योजनाओं की रूपरेखा जल्द से जल्द तैयार करने के निर्देश दिए।

बैठक में मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, प्रबंध निदेशक हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड हरिकेश मीणा, हिमऊर्जा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शुभ करण सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने 100 किलोवाट से लेकर एक मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना पर युवाओं को 40 प्रतिशत सब्सिडी देने की घोषणा की है तथा विभाग इस योजना को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाने के दृष्टिगत इसकी रूपरेखा शीघ्र तैयार करे।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस योजना से जहां हिमाचली युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, वहीं हिमाचल को हरित राज्य बनाने के वर्तमान राज्य सरकार के प्रयासों को भी इससे बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि यहां के पर्यावरण का संरक्षण किया जा सके। राज्य सरकार सौर ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से स्थापित इकाइयों से 25 वर्ष के लिए बिजली की खरीद करेगी, जिससे युवाओं को आय के स्थाई स्रोत प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा इकाइयां स्थापित करने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने के दृष्टिगत राज्य सरकार 40 प्रतिशत सब्सिडी भी प्रदान कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति राज्य सरकार का यह सक्रिय दृष्टिकोण न केवल पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा देगा, बल्कि विकास और रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा, जिससे हिमाचल देश में स्वच्छ ऊर्जा अपनाने में अग्रणी बनेगा।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सौर ऊर्जा के दोहन को बढ़ावा दे रही है और वर्ष 2023-24 में 500 मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इस दिशा में अनेकों कदम उठाए जा रहे हैं और वर्तमान राज्य सरकार ने अपना पहला बजट भी हरित बजट के रूप में प्रस्तुत किया है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने और प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों का पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा का उत्पादन महत्वपूर्ण कदम है। राज्य सरकार ई-वाहनों के संचालन को भी बढ़ावा दे रही है तथा आने वाले समय में इससे प्रदेश में बिजली की मांग और बढ़ेगी। उन्होंने 21 नवंबर को भी ऊर्जा विभाग की दोबारा बैठक बुलाई है।

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