प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम : महेन्द्र धर्माणी

शिमला : हिमाचल में सुख की सरकार ने जब से प्रदेश में सत्ता संभाली हैं तब से हिमाचल प्रदेश क़ानून व्यवस्था की हालत बद से बदतर हो गई हैं खासकर सीमान्त जिलों मेें घट रही गोलीकाण्ड, डकैती व हत्या की घटनाएं यह साबित करती हैं कि प्रदेश सरकार व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम साबित हुई। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता महेन्द्र धर्माणी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दो दिन पहले ऊना में प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में चली गोली की घटना अत्यंत चिंतनीय है और प्रदेश की पुुलिस प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़े करती है।

उन्होंने कहा कि ऊना जिला मेें जिस प्रकार रेत-माफिया और ड्रग माफिया सरकार व पुलिस के संरक्षण में फल-फूल रहा है, उसके कारण अपराधी प्रवृति के लोगों के हौंसले बुलन्द है। कानून की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है।
महेंद्र धर्माणी ने कहा कि कुछ माह पूर्व ऊना जिला के सन्तोषगढ़ में पुलिस कर्मियों को सट्टेबाजों द्वारा बन्दी बनाने की घटना तथा ऊना मुख्यालय के साथ लगते बहडाला में गोंलीकाण्ड की घटनाएं प्रदेश की कानून व्यवस्था की पोल खोलती है।
औद्योगिक क्षेत्र बद्दी और चम्बा की घटनाएं भी प्रदेश में बढ़ते अपराधीकरण व पुलिस की नाकामी को उजागर करती है। ऊना के घालुवाल में घटित घटना के आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर है। सीमान्त जिलों और औद्योगिक क्षेत्रों फिरोती व लूटपाट की घटनाएं भी आये दिनों बढ़ रहीं है, जो चिंता का विषय हैं। प्रदेश में माफियाओं और अपराधियों के हौसले इतने बढ़ गये हैं कि वह सरेआम दिन-दहाडे़ ऐसी घटनाओं को अंजाम देकर सुरक्षित निकल जाते हैं। पुलिस राजनैतिक दबाव के कारण चुप हैं।
महेंद्र धर्माणी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 10 माह में कानून व्यवस्था का दिवाला निकल गया है। पुलिस प्रशासन निकम्मा साबित हो रहा है। माफियाओं के होसले बुलन्द हैं। ड्रग माफिया और रेत- माफिया को पुलिस का संरक्षण लगता है तभी उनके हौसलें बुलंद है। सीमान्त जिले गुण्डागर्दी के अड्डे बनते जा रहे हैं, जो चिन्तनीय हैं।
कांगड़ा, नगरोटा की घटना निन्दनीय, मानवता व रिश्तों को तार-तार करने वाला हैं।

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