जयराम बोले- कांग्रेस द्वारा लाया गया श्वेत पत्र 10 गरंटियों की तरह झूठ का पुलिंदा

शिमला:  भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कांग्रेस द्वारा लाया गया श्वेत पत्र 10 गरंटियों की तरह झूठ का पुलिंदा है इस श्वेत पत्र से साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस ने झूठ का एक नया अध्याय शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा कि श्वेत पत्र में दिए गए सारे आंकड़े झूठे हैं, गलत है और सच्चाई से परे हैं। हम कांग्रेस पार्टी को याद दिलाना चाहते हैं कि इस कुप्रबंधन की शुरुआत 1993 से 1998 के कांग्रेस शासनकाल में हुई थी जब कांग्रेस ने इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के नाम पर मार्केट से 1000 करोड़ का लोन लिया था जिसकी दरें बहुत अधिक थी। इस लोन का कोई औचित्य नहीं था।
कांग्रेस के 2012 से 2017 तक के शासनकाल में 20000 करोड़ से अधिक का लोन लिया गया था, इसकी कोई आवश्यकता नहीं थी। भाजपा सरकार के दौरान हमने तो कोविड जैसी महामारी का सामना किया है। हम साफ कहते हैं कि इस श्वेत पत्र को उठाकर कूड़े के डब्बे में फेंक देना चाहिए।

2017 में जब भाजपा ने सत्ता संभाली थी तो कांग्रेस काल के 2016 और 2017 की तीन डीए की किस्ते जो कि लगभग 18 प्रतिशत थी उनका भुगतान हमने किया साथ ही हमने 3% और दिया। शायद कांग्रेस पार्टी को यह दिखता नहीं है।

2012 से 2017 में कांग्रेस पार्टी ने बड़ा लोन लिया था जो कि आज तक के इतिहास में सबसे ज्यादा है, यह लोन 28000 करोड़ से 47000 करोड़ तक पहुंच गया था अगर इसमें उछाल देखा जाए तो 66% का है। कार्यकाल में कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों के 9000 करोड रुपए देने थे जो कि भाजपा की सरकार ने दिए और साथ ही इस सरकार ने एफआरबीएम एक्ट का पालन भी नहीं किया।

उन्होंने कहा कि जीएसटी कंपनसेशन की बात करें तो पूरे देश में यह पांच साल के लिए मिली थी हिमाचल कोई विभिन्न नहीं है। कांग्रेस पार्टी केवल झूठ बोलकर जनता को गुमराह कर रही है।
अगर हिमाचल प्रदेश को आगे ले जाना है तो हमें कुछ करवाना पड़ता है, ग्लोबल इनवेस्टर मीट की पर से केंद्र सरकार द्वारा 10 करोड़ की राशि दी गई थी जोकि इन्होंने छुपाने का काम किया है। हमारे कार्यकाल में दो ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी हुई जिसमें शिमला में 13000 करोड और मंडी में 28000 करोड के एमओयू साइन हुए। अभी तक 8000 करोड से ज्यादा  प्रोजेक्ट धरातल पर उतर चुके हैं। जब मुकेश अग्निहोत्री कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में स्वयं उद्योग मंत्री थे तब उन्होंने भी इंवरेटर मीट की पर उनसे एक भी एमओयू हस्ताक्षर नहीं हो पाया।

यूपीए 1 और 2 के अंतर्गत रेल बजट केवल 108 करोड़ मिल पाया था , पर आज यह 17 गुना बढ़कर 1838 करोड़ पहुंच गया कांग्रेस पार्टी को यह दिखता नहीं है देखना चाहिए। बिलासपुर भन्नुपल्ली लाइन इसका बड़ा उदाहरण है।
हमने हिमाचल प्रदेश को एयर, रेल और रोड के साथ जोड़ने में बड़ा प्रयास किया। मंडी एयरपोर्ट के लिए हर साल 1000 करोड रुपए ईयर मार्क होते थे पर अब सुनने में आया है कि इस पैसे को यह सरकार कहीं और इस्तेमाल कर रही है। कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का कार्य भी हमारी सरकार में ही शुरू हुआ है पैसा तो तब आता है जब भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा होता है, पूरा करें और 400 करोड रुपए ले लीजिए।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने अपने नाम की योजनाएं शुरू की है पर हमने कोई आपत्ति दर्ज नहीं की, अगर कोई योजना धरातल पर उतरती है तो पैसे तो लगेंगे अगर आपको लगता है पैसे बचाने हैं तो खुद की योजनाएं भी रद्द करो।
हैरानी की बात तो यह है कि जो संस्थान हमने विकास कार्यों के लिए खोले थे जिसमें पूरा स्टाफ भी बैठ गया था। उनको बंद कर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह  उनको पुनः खोलकर अपने नाम की पट्टिकाएं लगाने में लगे हैं।

एक्साइज पॉलिसी के बारे में भी उन्होंने झूठ बोल 40% बढ़ोतरी का भरोसा दिया, आज केवल यह बढ़ोतरी 13% हुई है पिछले कार्यकाल के समय भी इससे ज्यादा बढ़ोतरी होती थी और अब तो यह लोग कोर्ट में जाने की बातें कर रहे हैं।

अगर हाइडिल पॉलिसी की बात करें तो हम दावे के साथ कह सकते हैं कि कोई भी निवेशक हिमाचल प्रदेश में नहीं आना चाहता, हमने अगर एसजेवीएनएल को कुछ रिलैक्सेशन दी थी तो वह हिमाचल के हित में थी ना कि अहित में। हिमाचल प्रदेश की हाइडल कैपेसिटी 23000 करोड़ मेगावॉट है जिसमें से अभी तक केवल 11000 करोड़ ही इस्तेमाल किया गया है।

हमने 39014 करोड़ का लोन लिया पर देखने की बात तो यह है कि हमने उसमें से ब्याज समेत 38275 करोड़ चुका भी दिए।

भाजपा का जनमंच सबसे ज्यादा प्रभावशाली कार्यक्रम रहा, गांव-गांव में स्थान-स्थान पर हमने जा जाकर लोगों की समस्या का समाधान किया। 258 जन मंच लगे जिसमें 45000 से अधिक शिकायतें आई और 60% से अधिक शिकायतों का निवारण भी कर दिया गया।

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