सरदार पटेल विवि का दायरा घटाने का फैसला वापिस ले प्रदेश सरकार – ABVP

शिमला: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री आकाश नेगी ने आज एक बयान जारी करते हुए कहा की प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा 22 अगस्त को जो कैबिनेट की बैठक हुई और मीडिया से आई जानकारी के अनुसार प्रदेश  सरकार सरदार पटेल विश्वविद्यालय के दायरे को घटाने का फैसला लिया है, उन्होंने कहा की  यह शिक्षा के प्रति वर्तमान सरकार की नकारात्मक सोच को दर्शाता है और विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले पांच जिलों के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़  है।

उन्होंने जानकारी देते हुए कहा की अभाविप  मंडी में क्लस्टर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए कई वर्षों तक संघर्षरत रहीं, जिसके परिणाम स्वरूप 2020 में मंडी में क्लस्टर विश्वविद्यालय की स्थापना की गई।

प्रदेश में दूसरे राज्य विश्वविद्यालय की आवश्यकता को देखते हुए विद्यार्थी परिषद ने क्लस्टर विश्वविद्यालय को अपग्रेड करके राज्य विश्वविद्यालय बनाने की मांग उठाई, इस मांग को लेकर विद्यार्थी परिषद ने कई आंदोलन किया।

अभाविप द्वारा इस मांग को पूरा कराने के लिए मंडी के ऐतिहासिक सेरी मंच में 8 दिसंबर 2021 को एक विशाल छात्र हुंकार रैलीका आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश के 6 जिलों से आए हुए 6000 से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।

मंडी से प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालय के लिए उठी बुलंद आवाज को देखते हुए तत्कालीन प्रदेश सरकार द्वारा 2021 के शीतकालीन सत्र में विश्वविद्यालय से संबंधित एक्ट पारित किया गया,जिससे 1 अप्रैल 2022 को मंडी में हिमाचल प्रदेश का दूसरा राज्य विश्वविद्यालय सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी अस्तित्व में आया।

सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के अंतर्गत प्रदेश के पांच जिलों चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू एवं लाहौल स्पीति के 141 के करीब महाविद्यालय आते हैं।

हिमाचल प्रदेश की सरकार ने 22 अगस्त को हुई कैबिनेट की बैठक में सरदार पटेल विश्वविद्यालय के दायरा घटाने को ले कर प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।

मंडी विवि अब केवल तीन जिलों मंडी, लाहौल-स्पीति और कुल्लू (आनी, निरमंड के छोड़कर) के कॉलेजों तक ही सीमित रह जायेगा।  पहले एसपीयू के पास मंडी, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, कांगड़ा और चंबा के कॉलेज शामिल किए थे। एचपीयू के पास शिमला, सोलन, सिरमौर, हमीरपुर, ऊना, किन्नौर और बिलासपुर के कॉलेज रखे थे।

बता दे की हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पहले से ही अपने प्रवेश परीक्षा और परिणाम को ले कर हमेशा सुर्खियों में रहा है, वह इस समय जहा प्रदेश में दूसरे विश्वविद्यालय के कारण कार्य विभाजन  से इन चीजों में तेजी लाई जा रही है वही प्रदेश की सरकार अपने बदले की राजनीति करने से पीछे नहीं हट रही हैं , छात्रहितो को अनदेखा करना सरकार का काम बन गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश इस फैसले की कड़ी निन्दा करती है वह कड़े शब्दो में ये मांग करती है की इस प्रकार की छात्रविरोधी फैसले को तुरंत वापस लिया जाए नही तो विद्यार्थी परिषद प्रदेश के केवल छात्र ही नहीं अपितु उनके अभिभावकों को भी साथ ले कर के इस निर्णय के खिलाफ सड़कों पर नजर आएंगे और इसका खामियाजा हिमाचल प्रदेश की सरकार को झेलना पड़ेगा।  वह इसी के साथ साथ आने वाले एक सप्ताह में विभिन्न प्रकार के आंदोलन के माध्यम से सरकार को अपनी नींद से जगाने का काम विद्यार्थी परिषद् के बैनर के तले प्रदेश के प्रत्येक  महाविद्यालय में छात्र करने जा रहे है जिसकी रूपरेखा इस प्रकार है।

  • 4 सितंबर हस्ताक्षर अभियान

  • 8 सितंबर धरना प्रदर्शन प्रत्येक इकाई/जिला केंद्र पर

  • 11 सितंबर 24घंटे की भूख हड़ताल इकाई स्तर

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