मुख्यमंत्री ने आपदाग्रस्त क्षेत्र आनी का दौरा कर नुकसान का लिया जायज़ा; बोले-अस्थायी शिविर में रहने वालों को किसी प्रकार की असुविधा न हो

संबंधित अधिकारियों को संपर्क मार्गों को शीघ्र बहाल करने के निर्देश दिए
कुल्लू: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कुल्लू जिला के आपदाग्रस्त क्षेत्र आनी का दौरा किया और भू-स्खलन से क्षतिग्रस्त हुए घरों का जायज़ा लिया। उन्होंने प्रभावित परिवारों से बातचीत की और कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार उनके साथ है। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला आनी में रहने, खाने-पीने और अन्य जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए कि अस्थायी शिविर में रहने वालों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक लोकेंद्र कुमार, जिला परिषद अध्यक्ष पंकज परमार, एपीएमसी के अध्यक्ष राम सिंह मियां, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष यूपेंद्र कांत मिश्रा, उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने प्रशासन तथा स्थानीय लोगों से भूस्खलन के कारणों की जानकारी भी हासिल की। उन्होंने संबंधित विभागों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर भवन गिरने के कारण गिरे मलबे को नियंत्रित तरीके से उठाने और खतरे की जद में आए भवनों को खाली करवाने को कहा। उन्होंने कहा कि लोगों की जान बचाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और स्थानीय प्रशासन लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। उन्होंने लोगों से अपील की वे असुरक्षित घरों को खाली कर दें तथा राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे दिशा-निर्देशों की पालना करें। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को आनी उपमंडल के संपर्क मार्गों को जल्द बहाल करने के लिए निर्देश दिए ताकि बागवानों और किसानों को अपनी फसल मंडियों तक पहुंचाने में कोई दिक्कत पेश न आए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के संसाधनों पर हिमाचल के लोगों का हक है और आपदा से प्रभावित लोगों की मदद के लिए इन संसाधनों से हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस मॉनसून में बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है लेकिन राज्य सरकार हर प्रभावित तक मदद पहुंचाना सुनिश्चित कर रही है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आनी उपमंडल में इस मानसून के मौसम में अभी तक 27 भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं जबकि 87 भवनों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है। इसके अतिरिक्त सरकारी और निजी सम्पति को भी काफी क्षति हुई है।

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