हिमाचल: प्रदेश में मौसम के खराब होने के आसार

हिमाचल: प्रदेश में बारिश का कहर जारी…

हिमाचल: प्रदेश के कुल्लू जिले में भारी बारिश के चलते शुक्रवार शाम को खनेरनाला में बादल फटने से खनाग-जुहड़ व टकरासी सड़क का करीब 60 मीटर हिस्सा बह गया है। जबकि  पतलीकूहल में सब्जी मंडी के पास कबाड़ इकट्ठा कर रहा एक युवक पैर फिसलने से ब्यास नदी में गिरने से बह गया, जिसका कोई पता नहीं लग पाया है। जानकारी अनुसार युवक बिहार का बताया जा रहा है।

कुल्लू जिले के खनेरनाला में बादल फटने से रघुपुर घाटी की आठ पंचायतों का संपर्क उपमंडल व जिला मुख्यालय से कट गया है। दो पेयजल योजनाएं भी ध्वस्त हो गई हैं। सड़क के बहने से यहां कई गाड़ियां फंस गईं। मंडी जिले के सराज के छतरी में बारिश से लोगों को भारी नुकसान हुआ है।

सिरमौर जिले के सतौन में पहाड़ से मलबा गिरने से स्कूल जा रहा नौवीं का छात्र दब गया, जिसे बाइक वाले और स्थानीय लोगों ने बचाया।

जिला हमीरपुर की पंचायत डिडवीं टिक्कर में सुतराल के पास कुनाह खड्ड में गलोड़ के रहने वाले मनजीत सिंह (52) पुत्र बलदेव सिंह का शव मिला है।

सरकाघाट की पटड़ीघाट पंचायत में भी सड़क पर पहाड़ियों से पत्थर गिरने का क्रम जारी है। सरकाघाट, मंडी, धर्मपुर, सराज और नाचन में पिछले दिनों हुई बारिश के चलते कई मकानों को खतरा बना हुआ है। सरकाघाट की धनालग पंचायत में करीब दो दर्जन घरों के आंगन, डंगे गिर गए हैं।

वहीं मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पिछले कल नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रियों से भी भेंट की। उन्होंने केंद्रीय समिति की अनुशंसा के अनुसार राज्य को शीघ्रातिशीघ्र राशि जारी करने का आग्रह करते हुए कहा कि प्रदेश में क्षतिग्रस्त आधारभूत संरचना के पुनर्निर्माण में लगभग एक से दो वर्ष का समय लगेगा।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने इत्यादि की घटनाओं से हुए भारी नुकसान से उन्हें अवगत करवाया और राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए 2 हजार करोड़ रुपये की तुरंत राहत प्रदान करने का आग्रह किया।
उन्होंने अवगत करवाया कि आपदा राहत के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र से प्राप्त निधि सम्बंधित विभागों और उपायुक्तों को राहत अभियान के लिए जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-2020 तथा वर्ष 2020-2021 के लिए राष्ट्रीय और राज्य आपदा राहत निधि के तहत लम्बित 315 करोड़ रुपये की राशि शीघ्र जारी की जाए, क्योंकि अभी तक प्राप्त राशि प्रदेश में बड़े स्तर पर हुई क्षति के विपरीत बहुत कम है।

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