धर्म/ संस्कृति (Page 5)

महाशिवरात्रि: इस शुभ मुहूर्त करें भगवान शिव की पूजा..

महाशिवरात्रि के दिन की गई शिव की उपासना से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है – आचार्य महिंद्र कृष्ण शर्मा

जानें शिवरात्रि की पूजा विधान महाशिवरात्रिहिन्‍दू धर्म के प्रमुख त्‍योहरों में से एक है। इस दिन शिवालयों में शिवलिंग पर जल, दूध और बेल पत्र चढ़ाकर भक्‍त शिव शंकर को प्रसन्‍न करने की कोशिश...

"मंडी की अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि" धार्मिक, संस्कृतिक व पुरातात्विक का प्रतीक

“मण्डी की अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि” धार्मिक, सांस्कृतिक व पुरातात्विक का प्रतीक

पूरे देश में शिवरात्रि का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन हिमाचल जिसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है यहां के हर त्यौहार की भी अपनी एक खास विशेषता है और अपनी महत्ता है। इसलिए...

वर्षा के देवता हैं बजीर-ए-चौहार घाटी “देव पशाकोट”

चौहार घाटी में विभिन्न स्थानों पर देव पशाकोट के हैं अनेक मंदिर, क्षेत्र के हैं सर्वमान्य देवता जोगिन्दर नगर: हिमाचल प्रदेश देवी देवताओं की पवित्र स्थली है। यहां पर कदम-कदम पर देवी-देवताओं के...

“मकर संक्रांति” जानें स्नान-दान और पूजा का महत्व : आचार्य महिंदर शर्मा

हर साल मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाता है।  कालयोगी आचार्य महिंदर शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति पर महा पुण्यकाल की शुरुआत यानि मकर...

महाकुंभ 2025: जहां परंपरा और परिवर्तन आत्‍मसात होते हैं

–अमिताभ कांत: कुंभ मेला, विश्‍व के सबसे बड़े धार्मिक समागमों में से एक हैऔर यह आस्था, एकता और मानवता के ईश्वर से शाश्वत संबंध का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं में निहित, यह चार पवित्र स्थलों-...

हिमाचल में "लोहड़ी" को कहा जाता है "माघी का साजा", दिन बीतता है प्रीतिभोज और खुशियां मनाने में

हिमाचल: मकर संक्रांति के दिन मीठे नमकीन बबरू और पकाई जाती है खिचड़ी

हिमाचल में “लोहड़ी” को कहा जाता है “माघी का साजा”, दिन बीतता है प्रीतिभोज और खुशियां मनाने में हमारे पहाड़ी प्रदेशों में इस उत्सव को लोहड़ी, माघी व माघी साजा के नाम से जाना जाता है मकर...

मंत्र क्या होते हैं और इन्हें क्यों पढ़ा जाता है?

मंत्र क्या होते हैं और इन्हें क्यों जाता है पढ़ा?

भारतीय वैदिक साहित्य में हिन्दी वर्णमाला के प्रत्येक अक्षर को मंत्र की संज्ञा दी गई है। वहीं नाद ब्रह्म है। प्रत्येक मंत्र में कितने अक्षर होंगे, इसका चुनाव मंत्र के फल के अनुसार किया गया...