चंबा: हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है क्योंकि यहां की कण-कण में देवताओं का वास है। हिमाचल एक पहाड़ी और प्राचीन सभ्यता से जुड़ा हुआ स्थल रहा है । यहां पर त्योहार और मेलो को स्थानीय लोग...
पांगी के घर, मवेशी एक कोने में और दूसरे कोने में आदमी आधारतल को कहा जाता है कोठा घरों में नहीं होते रोशनदान हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में भले ही आज काफी बदलाव रहन-सहन में देखने को...
तिब्बत, हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिलों किन्नौर तथा लाहुल-स्पिति में बौद्ध धर्म अपनी विलक्षणता के साथ विद्यमान है। गेरूआ वस्त्र पहने लामा, ऊंचाईयों में स्थित बौद्ध मठ, आकर्षक मूर्तियां व...
कुल्लू के दशहरे का अपना इतिहास, पृष्ठभूमि व सांस्कृतिक परम्परा देवी-देवताओं के महासंगम का गवाह : कुल्लू दशहरा कुल्लू में दशहरे का शुभारंभ 17वीं शताब्दी में हुआ देश भर में मनाया जाने वाला...
हिमाचल: रोग निवारण के लिए प्राचीन काल में लोग आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों, लेप, मन्त्रों और ज्योतिषियों पर ही थे निर्भर जब हम रोगों के निवारण के लिए अपनी आयुर्वेदिक चिकित्सा एवं जड़ी बूटियों पर ही...
ऐतिहासिक घटनाओं, तन्त्र-मन्त्र सिद्धियों, ज्योतिष विद्याओं, देव परम्पराओं व धार्मिक विश्वासों का प्रतीक मंदिर में मकर संक्रांति मनाने की अनोखी परम्परा मक्खन को घाव, फोड़े-फिंसियों पर...
प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण सराहन मार्कण्डेय पुराण में “माता भीमाकाली” वर्णन मार्कण्डेय पुराण में वर्णन : राक्षसों के विनाश के लिए मैं हिमाचल भूमि में भीम रूप में प्रकट होऊँगी …तब...







