हिमाचल: प्रदेश विधानसभा बजट सत्र का तीसरा दिन….

शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही से पहले बीजेपी विधायक दल ने सदन के बाहर खूब प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अगुवाई में बीजेपी विधायक ताला और जंजीर लेकर विधानसभा पहुंचे। इस दौरान विधायकों ने सदन के बाहर जमकर नारेबाजी की। बीजेपी विधायक दल के नेता जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार को ताले वाली सरकार करार दिया। इसके बाद बीजेपी विधायकों ने विधानसभा में मुख्यमंत्री के कार्यालय के बाहर भी जमकर नारेबाजी की।

विपक्ष के विधानसभा में लोहे की चेन लाने को सदन की मर्यादा के खिलाफ बताया है। सीएम ने कहा कि विपक्ष ने सदन के तीसरे दिन भी कार्रवाई को प्रभावित करने की कोशिश की है। विधानसभा में लोहे की चेन लेकर आना यहां की गरिमा के खिलाफ है। यह पहली बार हुआ है। कोई वारदात हो जाती तो कौन इसका जिम्मेदार था। सदन के अंदर जाते ही बिना नोटिस के हंगामा करना शुरू कर दिया और वॉकआउट कर दिया। विरोध के कई तरीके होते हैं। विपक्ष को सदन की मर्यादा को ध्यान में रखना चाहिए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार विपक्ष की बात सुनने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष ने आज बिना नोटिस के वॉकआउट किया। कांग्रेस के विधायकों पर धक्का-मुक्की के आरोपों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे किसी भी विधायक ने धक्का-मुक्की नहीं की है।

नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष मुख्यमंत्री से मिलने के लिए जब उनके कमरे के बाहर पहुंचा तो सत्तापक्ष के विधायकों ने गुंडागर्दी करते हुए भाजपा के विधायकों से धक्का मुक्की की और मुख्यमंत्री से नहीं मिलने दिया। सरकार ने बिना सोचे समझे 600 से अधिक संस्थानों को बंद कर दिया है। जिसके खिलाफ विपक्ष सदन के बाहर और अंदर आवाज उठा रहा है, लेकिन सरकार विपक्ष की आवाज दबा रही है। जिसको लेकर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया है। साथ ही संस्थानों को जब तक नहीं खोला जाता है तब तक विरोध जारी रखने की चेतावनी भी दे दी बता दें कि कांग्रेस सरकार द्वारा सत्ता में आते ही प्रदेश में 6 महीने पहले खुले सभी संस्थानों को डिनोटिफाई कर दिया है जिसके खिलाफ भाजपा सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रही है और बजट सत्र शुरू होते ही पहले दिन से ही इन संस्थानों को दोबारा से खोलने की मांग पर विपक्ष खड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भी विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सदन में विरोध प्रदर्शन जारी रखेगा।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सदन में कहा कि हिमाचल प्रदेश में जल विद्युत परियोजनाओं पर सेस लगाने के मामले में हिमाचल के युवाओं को छूट दी जाएगी। जिन युवाओं के एक या दो मेगावाट के प्रोजेक्ट हैं, उनकी आय देखने के बाद ही वाटर सेस लगाने पर विचार होगा। उन्हें छूट दी जा सकती है।

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