अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए एसजेवीएन और आईओसीएल बनाएंगे संयुक्त उद्यम : सीएमडी नन्द लाल शर्मा

 सीएमडी नन्द लाल शर्मा- संयुक्त उद्यम कंपनी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं का विकास करेगी, जिसमें सौर, पवन, जल और हाइब्रिड विद्युत परियोजनाएं शामिल

दोनों कंपनियां रात –दिन लगातार बिजली की आपूर्ति (आरटीसी) के लिए नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए मिलकर करेंगी काम 

केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप, अक्षय ऊर्जा के विकास के लिए एसजेवीएन के पास अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य

शिमला: एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन ने संयुक्त उद्यम (जेवी) के गठन के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया है। संयुक्त उद्यम कंपनी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं का विकास करेगी, जिसमें सौर, पवन, जल और हाइब्रिड विद्युत परियोजनाएं शामिल हैं। कंपनी राउंड द क्लॉक (आरटीसी) पावर की आपूर्ति के लिए बैटरी स्टोरेज और पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स जैसे एनर्जी स्टोरेज सिस्टम भी विकसित करेगी। इन परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली आईओसीएल की रिफाइनरियों, आईओसीएल के अन्य प्रतिष्ठानों को आपूर्ति की जाएगी और ऊर्जा एक्सचेंजों के माध्यम से तीसरे पक्ष को भी बेची जाएगी।

एसजेवीएन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा

 नन्द लाल शर्मा ने आगे कहा कि, दोनों कंपनियां रात –दिन लगातार बिजली की आपूर्ति (आरटीसी) के लिए नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए मिलकर काम करेंगी। संयुक्त उद्यम कंपनी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन हाइड्रोजन और अन्य ग्रीन सिंथेटिक ईंधन के उत्पादन में भी उद्यम करेगी। उन्होंने आगे कहा कि इस संयुक्त उद्यम की परियोजनाओं द्वारा उत्पादित बिजली , आईओसीएल के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में भी मदद करेगी । यह संयुक्त उद्यम , विद्युत क्षेत्र में अग्रणी एसजेवीएन को  और आईओसीएल, जो तेल क्षेत्र के प्रमुख प्रतिभागियों में से एक  है , को एक साझे मंच पर लाएगा , यह साझेदारी निश्चित रूप से राष्ट्र की विकास गाथा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

शर्मा ने आगे कहा कि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप, अक्षय ऊर्जा के विकास के लिए एसजेवीएन के पास अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। यह एमओयू एसजेवीएन के नवीकरणीय ऊर्जा के विकास के लक्ष्यों के साथ-साथ आईओसीएल के वर्ष 2046 तक शुद्ध-शून्य परिचालन उत्सर्जन प्राप्त करने के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक कदम होगा।

इस समझौता ज्ञापन पर एसजेवीएन के मुख्य महाप्रबंधक, बी के गुप्ता और आईओसीएल के कार्यकारी निदेशक, शांतनु गुप्ता ने हस्ताक्षर किये । समझौता ज्ञापन श्रीकांत माधव वैद्य , अध्यक्ष, आईओसीएल और गीता कपूर, निदेशक (कार्मिक) एसजेवीएन की गरिमापूर्ण उपस्थिति में हस्ताक्षरित हुआ । यह समझौता ज्ञापन नई दिल्ली में आईओसीएल द्वारा आयोजित ग्रीन एनर्जी कॉन्क्लेव में हस्ताक्षरित हुआ । इस अवसर पर एसजेवीएन और आईओसीएल के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। नन्द लाल शर्मा ने आगे कहा कि  प्रधान मंत्री  नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता की पृष्ठभूमि में में भारत सरकार गैर-जीवाश्म स्रोतों से 2030 तक 500 गीगावाट ऊर्जा उत्पन्न करने और वर्ष 2070 तक हमारे देश की शुद्ध-शून्य महत्वाकांक्षा के साथ संरेखित करने के लिए नवीकरणीय स्रोतों के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। अपने इस विजन को आगे बढ़ाने के लिए एसजेवीएन अपने पोर्टफोलियो में महत्वपूर्ण क्षमताएँ जोड़ रहा है।

एसजेवीएन ने हाइड्रो, थर्मल, सौर और पवन ऊर्जा क्षेत्रों, पावर ट्रांसमिशन और पावर ट्रेडिंग में विस्तार और विविधीकरण किया है। कंपनी भारतीय बिजली परिदृश्य में एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली इकाई के रूप में उभरी है। वर्तमान में, एसजेवीएन का परियोजना पोर्टफोलियो लगभग 46,879 मेगावाट है, जो पूरे भारत और नेपाल में लगभग 75 परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है और 2040 तक 50,000 मेगावाट उत्पादन करने के साझा दृष्टिकोण को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

 

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