पंडित डोगरा की अंक गणना;-कांग्रेस सरकार का पहला बजट होगा भ्रमित करने वाला, दोनों दलों की कारगुजारी से जनता होगी निराश

सत्यदेव शर्मा सहोड़/शिमला:  प्रख्यात अंक ज्योतिषी और वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा ने प्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले आम बजट पर अंक की है। उनके मुताबिक प्रदेश की जनता को सरकार द्वारा कर की अधिक मार झलने को तैयार रहना होगा। पंडित डोगरा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार की 14वीं विधानसभा का पहला बचट सत्र 14 मार्च, 2023 से शुरू होने जा रहा है। ये बजट सत्र 6 अप्रैल, 2023 तक चलेगा। पंडित डोगरा ने कहा कि 24 दिन तक चलने वाले इस सत्र में कुल 18 बैठकें होना तय किया गया है। 14 मार्च (1 + 4 = 5) अंक जो बुध का अंक है। बुध वाणी व युवाओं का कारक है। युवाओं को एक उम्मीद होंगी। पंडित डोगरा ने कहा कि 24 दिन 2+4=6 अंक जो शुक्र का अंक है। शुक्र विलासता का कारक है। कांग्रेस का 8 अंक बनाता है, जोकि शनि का अंक है। 5 + 8 = 13 अंक 1 + 3 = 4 अंक जो राहु का अंक है। राहु विद्रोह का कारक है। 18 बैठकें 1 + 8 = 9 अंक जो मंगल का अंक है। मंगल जो अग्नि तत्व ग्रह है।

ज्योतिषाचार्य पंडित शशिपाल डोगरा

पंडित डोगरा ने कहा कि इस बजट में आग उगली जाएगी। 1 अंक सूर्य व 8 अंक शनि के मेल में होने वाली बैठकों में सत्ता व विपक्ष एक दूसरे पर आरोप लगाने में व विद्रोह करने में अपना समय नष्ट करेंगे। पंडित डोगरा ने कहा कि सरकार को निर्णय लेने में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वहीं भाजपा का 1 अंक है। जो सूर्य का अंक है, सूर्य सत्ता का कारक होता है। भाजपा सत्ता से बाहर होने के कारण अपनी वाणी से सत्ता को जहां घेरने की कोशिश करेगी, वहीं सत्ता पक्ष अपने बचाओ करने में सफल नहीं हो पाएगा। पंडित डोगरा कहा कि विधानसभा के बैठने के ठीक चौथे दिन 17 मार्च, 2023 को सरकार पहला बजट मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा पेश किया जाएगा। 1 + 7 = 8 अंक जो शनि का अंक है शनि न्याय का कारक है। जनता को जहां न्याय की उम्मीद होगी। शनि कर्ज का कारक भी है। प्रदेश पर कर्जा बढ़ सकता है और जनता पर इस का बोझ पड़ सकता है। वहीं 1 सूर्य के अंक व केतु के अंक से बने हुए इस बजट में केतु बजट को भर्मित कर सकता है। वहीं चौथे दिन बजट का आना राहु की चपेट में ला सकता है। राहु जो भर्मित करता है।बहुत जगह जहां लोग कुछ नई की उम्मीद में रहेंगे। वहीं सत्ता में बैठे सत्ताधारी से निराशा हाथ आएगी। विपक्ष भी केवल हला करने में ही समय लगा रहेगा। एक जबरदस्त भूमिका में नजर नहीं आएगा। आने वाले समय में प्रदेश की सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार के अपने ही नाराज हो सकते हैं। कुल मिलाकर आम आदमी को दोनों दलों द्वारा ही गुमराह किया जा सकता है।

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