महा नगरों की तर्ज पर शिमला में भी हाट बाजार के लिए होगा जगह का चयन – अनिरुद्ध सिंह

ग्रामीण विकास मंत्री ने ग्रामीण विकास निदेशालय के दो दिवसीय सम्मेलन के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि की शिरकत

शिमला: ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि शिमला में भी अन्य महा नगरों की तर्ज पर हाट बाजार के लिए जगह का चयन किया जाएगा जहां पर स्वयं सहायता समूह अपने उत्पाद बेच सकेंगे और ऐसी व्यवस्था प्रदेश के हर शहर में की जाएगी।
अनिरुद्ध सिंह आज पीआरटीआई क्रेगनेनो मशोबरा में ग्रामीण विकास निदेशालय, के अधीन राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी-वाटरशेड द्वारा “वाटरशेड विकास के तहत सर्वोत्तम प्रथाएं” विषय पर राज्य स्तरीय दो दिवसीय सम्मेलन के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभागों में जल्द 450 नई नौकरियों का प्रावधान किया जाएगा जिससे की विभाग के कार्यों में तेजी आएगी। इसके अतिरिक्त, मनरेगा में कामगारों की ऑनलाइन हाजरी का प्रावधान किया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाये गए उत्पादों की पैकेजिंग में आने वाली समस्याओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की विभिन्न पंचायतों की संस्कृति एवं भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए प्रदेश के 26 खण्डों में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा तथा उन्हें सस्ते दामों पर पैकेजिंग सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अतिरिक्त, उनहें अपने उत्पादों के लिए फूड लाइसेंस लेने पर तथा उनकी ऑनलाइन मार्केटिंग करने के लिए प्रेरित किया जायेगा। महिलाओं की समाज में भागीदारी एवं उनकी महत्ता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि महिलाएं समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
जल संरक्षण की जरूरत पर जोर देते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पारम्परिक जल स्रोतों का संरक्षण किया जाना चाहिए तथा निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन समय-समय पर होना चाहिए ताकि ग्रामीण स्तर पर आ रही समस्याओं के बारे में जानकारी मिलती रहे और उनका निवारण सुनिश्चित हो सके।
इस दौरान अनिरुद्ध सिंह ने महिला प्रतिभागियों को न्यूट्री किट भी वितरित की।
इस अवसर पर पद्मश्री सम्मानित श्याम सुंदर पालीवाल और मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल ने भी उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित किया।
इससे पूर्व देवाशीष शेन, राजेश कुमार और डॉ भारतरय (पीपुल्स साइंस इंस्टीट्यूट, देहरादून), डॉ. विवेक पठानिया नाबार्ड शिमला, जोगिंदर चौहान जल शक्ति विभाग, डॉ. रवींद्र सिंह जसरोटिया कृषि विभाग, प्रत्यय जगन्नाथ (आजीविका के लिए राष्ट्रीय संसाधन व्यक्ति), ममता ठाकुर (कंडाघाट, सोलन में मशरूम की खेती करने वाली) ने वाटरशेड और स्प्रिंगशेड प्रबंधन के विभिन्न क्षेत्रों, प्राकृतिक खेती की अवधारणा, बागवानी और कृषि वानिकी के महत्व और नवाचार, कमजोर लोगों की आजीविका पर इन नवाचारों के प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया।

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