एसजेवीएन ने किया 1000 मेगावाट की बीकानेर सौर परियोजना के लिए सबसे बड़े एकल भूमि रजिस्‍ट्रेशन को निष्पादित

सीएमडी ने नन्दलाल शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि – मई 2022 में, एसजेवीएन ने मेसर्स टाटा पावर सोलर सिस्टम्स लिमिटेड को 1000 मेगावाट बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना के लिए भारत का सबसे बड़ा ईपीसी अनुबंध 5491 करोड़ रुपए के कुल मूल्य पर किया था  अवार्ड 

-एसजेवीएन ने भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 1000 मेगावाट सौर पीवी विद्युत परियोजना की स्थापना से 28% के सीयूएफ के साथ 2454.55 मि.यू. का विद्युत होगा उत्‍पादन 

-25000 मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट स्थापित क्षमता के साथ अपने लक्ष्यों को किया है निर्धारित

 शिमला: एसजेवीएन अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्‍द लाल शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन ने अपनी नवीकरणीय अधीनस्‍थ कंपनी एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के माध्यम से बीकानेर में अपनी 1000 मेगावाट की बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना के निष्‍पादनार्थ लगभग 2043 एकड़ भूमि की सबसे बड़ी एकल रजिस्ट्रियों में से एक को निष्पादित किया है।

 नन्‍द लाल शर्मा ने अवगत कराया कि इससे पहले मई 2022 में, एसजेवीएन ने मेसर्स टाटा पावर सोलर सिस्टम्स लिमिटेड को 1000 मेगावाट बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना के लिए भारत का सबसे बड़ा ईपीसी अनुबंध 5491 करोड़ रुपए के कुल मूल्य पर अवार्ड किया था। यह परियोजना भारत में 5000 मेगावाट की ग्रिड से जुड़ी सौर पीवी परियोजनाओं की स्थापना के लिए चरण- II (सरकारी निर्माता योजना) के तहत सीपीएसयू योजना (श्रृंखला-III) का एक भाग है। एसजेवीएन को प्रतिस्पर्धी वीजीएफ आधारित बोली प्रक्रिया के माध्यम से 1000 मेगावाट क्षमता की परियोजना आबंटित की गई है। परियोजना जनवरी, 2024 में कमीशनिंग के लिए निर्धारित है। यह प्रगति परियोजना के तीव्र कार्यान्वयन में सहायक होगी।

 नन्‍द लाल शर्मा ने आगे कहा कि 1000 मेगावाट सौर पीवी विद्युत परियोजना की स्थापना से 28% के सीयूएफ के साथ 2454.55 मि.यू. का विद्युत उत्‍पादन होगा और इस परियोजना से उत्‍पादित विद्युत पूर्णत: अपने उपयोग या सरकारी उपयोग अथवा सरकारी संस्थाओं द्वारा उपयोग के लिए होगी। इसका उपयोग प्रत्‍यक्ष अथवा डिस्‍कॉम के माध्यम से पारस्परिक रूप से सहमत टैरिफ के भुगतान पर होगा जो 2.45 रूपए प्रति यूनिट से अधिक नहीं होगा।

एसजेवीएन ने भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट स्थापित क्षमता के साथ अपने लक्ष्यों को निर्धारित किया है। वर्ष 2030 तक 25000 मेगावाट की स्थापित क्षमता को मुख्‍यत: हरित ऊर्जा संसाधनों जैसे सौर, हाइड्रो और पवन आदि से प्राप्त किया जाएगा। यह राष्ट्र को अपनी गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा के विस्तार और अर्थव्यवस्था के डीकार्बोनाइजेशन के लिए सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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