- एसजेवीएन द्वारा ऊर्जा संरक्षण पर राज्य स्तरीय पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित, राज्यपाल ने किये पुरस्कार वितरित
- राज्यपाल ने दिया बच्चों में देशभक्ति की भावना विकसित करने पर बल
- प्रतियोगिता “भारत सरकार के ऊर्जा एवं ऊर्जा बचत ब्यूरो मंत्रालय” की “ऊर्जा संरक्षण पर राष्ट्रीय अभियान” के अंतर्गत की गई आयोजित
- प्रतियोगिता के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान हासिल करने वाले विजेताओं को क्रमशः 20,000, 15,000 व 10,000 रुपये के पुरस्कारों के अतिरिक्त प्रत्येक वर्ग में 2500 रुपये के 10 सांत्वना पुरस्कार
- निदेशक (वित्त) के.एस. बिन्द्रा ने सतलुज जल विद्युत निगम की उपलब्धियों पर डाला प्रकाश
- सतलुज जल विद्युत निगम के निदेशक (कार्मिक) नन्द लाल शर्मा ने राज्यपाल का स्वागत किया और प्रतियोगिता के मुख्य उद्देश्यों से करवाया अवगत
- राज्य के विभिन्न स्कूलों के करीब 100 बच्चों ने प्रतियोगिता में लिया भाग
- सतलुज जल विद्युत निगम के महाप्रबन्धक ए.के. मुखर्जी ने किया धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत
- कार्यक्रम में बच्चों ने दी रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

प्रतियोगिता “भारत सरकार के ऊर्जा एवं ऊर्जा बचत ब्यूरो मंत्रालय” की “ऊर्जा संरक्षण पर राष्ट्रीय अभियान” के अंतर्गत की गई आयोजित
शिमला: राजभवन में “सतलुज जल विद्युत निगम सीमित” द्वारा आज ऊर्जा संरक्षण पर आयोजित राज्य स्तरीय चित्रांकन प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में बच्चों को सम्बोधित कर रहे थे। यह प्रतियोगिता भारत सरकार के ऊर्जा एवं ऊर्जा बचत ब्यूरो मंत्रालय की ऊर्जा संरक्षण पर राष्ट्रीय अभियान के अंतर्गत आयोजित की गई थी।
निदेशक (वित्त) के.एस. बिन्द्रा ने सतलुज जल विद्युत निगम की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। सतलुज जल विद्युत निगम के निदेशक (कार्मिक) नन्द लाल शर्मा ने राज्यपाल का स्वागत किया और प्रतियोगिता के मुख्य उद्देश्यों की जानकारी दी। सतलुज जल विद्युत निगम के महाप्रबन्धक ए.के. मुखर्जी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। ज्यूरी के सदस्यों में प्रो. हिम चटर्जी और हि.प्र. विश्वविद्यालय से डा. पवन चौहान और प्रारम्भिक शिक्षा के अतिरिक्त निदेशक एम.एल. आजाद, सतलुज जल विद्युत निगम के अधिकारी एवं कर्मचारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
- राज्यपाल ने की “एसजेवीएन” की विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों से समाज के प्रति योगदान की सराहना
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने बच्चों में देशभक्ति और समर्पण की भावना विकसित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि राष्ट्र के प्रति स्नेहभावना देश की उन्नति में मददगार हो सकती है। वह राज्यपाल ने अध्यापकों से बच्चों को महान पुरूषों एवं ऐसे राष्ट्रों, जहां के नागरिक अपने देश के कल्याण, उन्नति एवं विकास को सर्वोच्च महत्व देते हों, की कहानियां बताकर प्रेरित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बच्चों में समाज के जरूरतमंदों और गरीब लोगों के प्रति संवेदनशीलता तथा उनकी मदद करने में आगे आने की भावना विकसित की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब तक बच्चों में जरूरतमंदों के प्रति संवेदनशीलता, अनुशासन और देशभक्ति जैसे गुणों का प्रवाह नहीं किया जाता, जब तक वे अच्छे नागरिक नहीं बन सकते। उन्होंने कहा कि युवा दिमाग में तेजी से ग्रहण करने की क्षमता होती है और बच्चों में अच्छे आदर्श और नैतिक मूल्यों का समावेश अध्यापकों का दायित्व है। उन्होंने अध्यापकों से आग्रह किया कि वे बच्चों को नशीले पदार्थों से होने वाले नुकसान बारे जागरूक करें। उन्होंने कि बच्चों को समाज के प्रति निस्वार्थ सेवा और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए।
- प्रतियोगिता के माध्यम से हिमाचल के घर- घर तक पहुंचाया जा रहा है ऊर्जा संरक्षण का संदेश : नन्द लाल शर्मा

प्रतियोगिता के माध्यम से हिमाचल के घर- घर तक ऊर्जा संरक्षण का संदेश जा रहा है पहुंचाया : निदेशक (कार्मिक), नन्द लाल शर्मा
एसजेवीएन के निदेशक (कार्मिक), नन्द लाल शर्मा ने कहा कि 2005 में शुरू की गई इस प्रतियोगिता ने एक आंदोलन का रूप ले लिया है। इस प्रतियोगिता के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के घर- घर तक ऊर्जा संरक्षण का संदेश पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने राज्यपाल का अपने व्यस्त कार्यक्रम में से बच्चों के लिए तथा प्रतियोगिता के लिए समय निकालने के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया। उन्होंने इस मुहिम में एसजेवीएन का साथ देने के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य शिक्षा विभाग को धन्यवाद दिया तथा उम्मीद जाहिर की कि शिक्षा विभाग से भविष्य में भी इसी तरह का सहयोग मिलता रहेगा। शर्मा ने कहा कि एसजेवीएन देश व प्रदेश के विकास के लिए सदैव समर्पित है तथा रहेगा।
- एसजेवीएन ने करीब 23 करोड रूपये खर्च करके किया 2391 शौचालयों का निर्माण: ए एस बिन्द्रा
एसजेवीएन के निदेशक (वित्त), ए एस बिन्द्रा ने कहा कि एसजेवीएन तथा एसजेवीएन द्वारा सामाजिक उतरदायित्व के
क्षेत्र में किए जा रहे विभिन्न कार्यकलापों के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने यह बताया कि भारत के प्रधानमंत्री के स्वच्छ विधालय अभियान के सपने को साकार करने के लिए एसजेवीएन को अपने परियोजना क्षेत्रों में जिसमे हिमाचल प्रदेश, बिहार, अरूणाचल प्रदेश, तथा उत्तराखण्ड राज्य सम्मिलित हें में शौचालयों के निर्माण का कार्य सौंपा गया था , जिसके अनुरुप एसजेवीएन ने लगभग 23 करोड रूपये खर्च करके 2391 शौचालयों का निर्माण किया है।
आचार्य देवव्रत ने बच्चों को अपने परिवारों, आस-पड़ोस और समाज को ऊर्जा बचत के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए आगे आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऊर्जा की राष्ट्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है और ऊर्जा की हर छोटी-छोटी बचत करना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेवारी है।
राज्यपाल ने सतलुज जल विद्युत निगम की विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों विशेषकर ऊर्जा संरक्षण के माध्यम से
समाज के प्रति योगदान की सराहना की। उन्होंने बच्चों की असाधारण प्रतिभा के प्रदर्शन और प्रतियोगिता के अन्तिम स्तर तक पहुंचने, जहां वे राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे के लिए उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि बच्चों को जीवन में कड़ी मेहनत करनी चाहिए और कामयाबी हासिल करने के लिए अपने उद्देश्य को ईमानदारी, समर्पण तथा दृढ़ निश्चय के साथ सभी चुनौतियों का सामना करना चाहिए।
- राज्य के विभिन्न स्कूलों के लगभग 100 बच्चों ने प्रतियोगिता में लिया भाग
आचार्य देवव्रत ने प्रतियोगिता के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान हासिल करने वाले विजेताओं को क्रमशः 20,000, 15,000 व 10,000 रुपये के पुरस्कारों के अतिरिक्त प्रत्येक वर्ग में 2500 रुपये के 10 सांत्वना पुरस्कार भी प्रदान किए। उन्होंने ज्यूरी के सदस्यों और खण्ड शिक्षा अधिकारियों को भी प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए सम्मानित किया।
इस अवसर पर बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। राज्य के विभिन्न स्कूलों के लगभग 100 बच्चों ने प्रतियोगिता में भाग लिया।