शिमला : शनि देव व्यक्ति को उनके कर्मों के मुताबिक फल देते हैं। शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। शनि देव अगर किसी पर अपनी कृपा कर दें तो उसे हर काम में सफलता मिलती जाती है। वह लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। बुरे कर्म वाले लोगों को अगर शनि देव दंडित करते हैं, तो अच्छे कर्म वाले लोगों पर उनकी शुभ दृष्टि रहती है। अगर किसी पर टेढ़ी नजर है तो उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शनि देव को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए आचार्य महेन्द्र कृष्ण शर्मा बता रहे हैं कुछ अचूक उपाय-
शनि देव की पूजा हमेशा सूर्य निकलने से पहले या सूर्यास्त के बाद ही करनी चाहिए।
सात प्रकार का अनाज लें। इस अनाज को अपने सिर से सात बार घुमाएं। फिर चौराहे पर रहने वाले पक्षियों के लिए यह अनाज दान कर दें। संभव हो तो यह रोजाना करें। शनिदेव की प्रकोप से छुटकारा पाने के लिए हनुमान जी की भी पूजा-अर्चना करें।
शनिवार के दिन काले तिल, काला कपड़ा, कंबल, लोहे के बर्तन, उदड़ की दाल का दान करें। इससे शनि देव खुश होकर शुभ फल देते हैं।
शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के चारों ओर कच्चा सूत का धागा 7 बार लपेटें। इतना ही नहीं, इस दिन शनि मंत्र का जाप करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सूर्योदय से पहले पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। माना जाता है कि शनि देव को प्रसन्न करने के लिए सरसों के तेल में लोहे की कील डालकर चढ़ाएं।
भगवान शिव को शनिदेव का गुरु माना जाता है। शनि देव की कृपा पाने के लिए शनिवार के दिन भगवान शिव की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। शनिवार के दिन हनुमान जी पूजा करने से भी लाभ प्राप्त होता है। इसलिए शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे सभी दुखों से मुक्ति मिलती है। जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
शनिवार के दिन शाम को पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें और सरसों के तेल का दिया जलाएं।
एक कटोरी सरसों का तेल लें। इस तेल में अपनी छवि देखें। फिर इस तेल को किसी गरीब या जरुरतमंद को दान कर दें।
इस दिन उपवास और दान करने का भी काफी महत्व है। कहते हैं कि इस दिन काली गाय को उड़द की दाल, तेल या तिल खिलाने से शनिदेव शांत होते हैं।
हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ने वाले इंसान पर कभी भी शनि देव की खराब दृष्टि नहीं पड़ती। इसलिए हर शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।
शनिदेव की कृपा बनाए रखने के लिए शनिवार को गरीब या जरूरतमंदों को भोजन कराएं।