केंद्र सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव के लिए दी नई शिक्षा नीति को मंजूरी, HRD का बदला नाम

नई दिल्ली: शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधार के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को नई शिक्षा नीति (NEP) को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य एजुकेशन सिस्टम को पूरी तरह बदलना है। अब उच्च शिक्षा के लिए एक ही नियामक संस्था होगी। हालांकि, त्रिभाषा फॉर्मूला को जारी रखा गया है। इसके अलावा मानव संसाधन मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है।

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक कुछ देर में इसकी घोषणा करेंगे। नया अकादमिक सत्र सितंबर-अक्टूबर में शुरू होने जा रहा है और सरकार का प्रयास पॉलिसी को इससे पहले लागू करने का है।

1 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति की समीक्षा की थी। पूर्व इसरो चीफ के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक समिति ने इसका मसौदा तैयार किया है।

कुछ राज्यों में हिंदी को लागू किए जाने को लेकर चिंता है, लेकिन एचआरडी मंत्रालय ने इसे दूर करने का भरोसा दिया है। शिक्षा क्षेत्र के सुधारों की पीएम मोदी की ओर से समीक्षा के बाद सरकार ने कहा था कि सरकार का उद्देश्य सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, प्रारंभिक शिक्षा में सुधार लाना है। एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम लाया जाएगा जिसका फोकस कई भाषाओं, 21वीं सदी की कुशलता, खेल और कला आदि के समावेश पर होगा।

स्कूली और उच्च शिक्षा में टेक्नॉलजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर भी विस्तार से चर्चा की गई थी। हालांकि, अधिकारियों ने यह नहीं बताया है कि क्या मसौदे में कोविड 19 संकट से मिले सबक को भी शामिल किया गया है।

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2 Responses

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  1. Om Parkash sharma
    Jul 29, 2020 - 06:48 PM

    शिक्षा के बौद्धिक और शारीरिक विकास के और सदैव ध्यान रहता है | प्रारंभिक शिक्षा में मानसिक विकास नहीं हो रहे हैं जिसका परिणाम सामने आ रहे है| नी पीढी का मानसिक विकास हो इसके लिए शिक्षा में विशेष प्रावधान होने चाहिए| तकनीकी विकास के साथ साथ मानसिक विकास होना भी बहुत आवश्यक है| बिना मानसिक विकास के अन्य विकास को सही दिशा मिलाने की संभावना नहीं रहती |

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  2. Om Parkash sharma
    Jul 29, 2020 - 06:53 PM

    शिक्षा के बौद्धिक और शारीरिक विकास के और सदैव ध्यान रहता है लेकिन मानसिक विकास की और ध्यान ही नहीं है | स्थिति यह है कि पढ़ाने वालों को भी यह साही अर्थों में मालूम नहें की मानसिक विकास होता क्या है | प्रारंभिक शिक्षा में मानसिक विकास पर गत वर्षों में ध्यान नहीं दिया गया है, जिसका परिणाम सामने आ रहे है | नई पीढी का मानसिक विकास हो इसके लिए शिक्षा में विशेष प्रावधान होने चाहिए | तकनीकी विकास के साथ साथ मानसिक विकास होना भी बहुत आवश्यक है| बिना मानसिक विकास के अन्य विकास को सही दिशा मिलाने की संभावना नहीं रहती |

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