Rafale: अंबाला एयरबेस पर हुई राफेल लड़ाकू विमानों की लैंडिंग
Rafale: अंबाला एयरबेस पर हुई राफेल लड़ाकू विमानों की लैंडिंग
राफेल के भारत आने पर पीएम मोदी का ट्वीट- स्वागतम्, राष्ट्र रक्षा के समान कोई यज्ञ नहीं
नई दिल्ली: फ्रांस से 5 राफेल लड़ाकू विमानों के (First batch of 5 Rafale jets arrived India) पहले बैच के भारत पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके स्वागत में ट्वीट किया है। प्रधानमंत्री ने अंबाला में राफेल के टच डाउन का वीडियो शेयर करते हुए संस्कृत में ट्वीट किया कि राष्ट्र रक्षा के समान कोई पुण्य, व्रत या यज्ञ नहीं होता। उन्होंने इंडियन एयर फोर्स के आदर्श वाक्य ‘नभः सदृशं दीप्तम्‘ के साथ स्वागतम् भी लिखा।
गृह मंत्री अमित शाह ने भी राफेल के भारत आने को गर्व का क्षण करार दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘राफेल का टचडाउन हमारी ताकतवर एयर फोर्स के लिए ऐतिहासिक दिन है और भारत के लिए गौरव का क्षण है! ये दुनिया की सबसे ताकतवर मशीनें हैं जो आसमान में किसी भी चुनौती को नाकाम करती हैं। मुझे भरोसा है कि राफेल की श्रेष्ठता से हमारे वायु योद्धाओं को हमारे आसमान की रक्षा करने में मदद मिलेगी।‘
फ्रांस से आए पांच राफेल विमानों ने आज भारतीय सरजमीं को छू लिया है। अंबाला एयरबेस पर ये लड़ाकू विमान लैंड हो गए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी। राजनाथ सिंह ने कहा कि राफेल विमानों का भारत आना हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है। विमानों के लैंड होते ही उन्हें वाटर सैल्यूट दिया गया। ये वायुसेना का पुराना ट्रेडिशन है, जिसे फाइटर जेट्स के आने पर हर बार फॉलो किया जाता है।
ये विमान फ्रांस से सात हजार किलोमीटर की दूरी तय करके भारत आए हैं। अंबाला में ही राफेल फाइटर जेट्स की पहली स्क्वाड्रन तैनात है। 17वीं नंबर की इस स्क्वाड्रन को ‘गोल्डन-ऐरोज़‘ नाम दिया गया है। इस स्क्वाड्रन में 18 राफेल लड़ाकू विमान होंगे, तीन ट्रैनर और बाकी 15 फाइटर जेट्स। राफेल विमानों की दूसरी स्क्वाड्रन उत्तरी बंगाल (पश्चिम बंगाल) के हाशिमारा में तैनात की जाएगी. दोनों स्क्वाड्रन में 18-18 राफेल विमान होंगे।
इससे पहले रक्षा मंत्रालय की तरफ से राफेल विमानों की उड़ान की पहली तस्वीर जारी की गई। इन पांच राफेल विमानों की सुरक्षा के लिए दो सुखोई विमान भी साथ उड़ रहे थे। इन विमानों ने हवा में विक्टरी साइन भी बनाया था। रक्षा मंत्री के कार्यालय ने भारतीय वायुसीमा में घुसने के बाद इन विमानों की एक वीडियो भी शेयर की।
राफेल जेट के बेड़े ने उड़ान भरने के बाद भारतीय नौसेना के युद्धपोत INS कोलकाता को संपर्क किया, जिसके बाद दोनों में बातचीत हुई।
ये विमान फ्रांस से सात हजार किलोमीटर की दूरी तय करके भारत आए हैं। 24,500 किलोग्राम वजन वाला राफेल एयरक्राफ्ट 9500 किलोग्राम भार उठाने में सक्षम है। इसकी अधिकतम रफ्तार 1389 किमी/घंटा है। एक बार उड़ान भरने के बाद 3700 किमी तक का सफर तय कर सकता है।